पशुपालन और आईसीडीएस दूसरे सप्ताह में लक्ष्य के करीब हुए

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-पहले सप्ताह उपलब्धि न्यून रहने पर दूसरे सप्ताह में गतिविधियां बढ़ा लक्ष्य पाने का दिया था आश्वासन

-संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की जिलाधिकारी की अध्यक्षता में दूसरे सप्ताह की समीक्षा

जौनपुर, 19 अप्रैल  2022। पशुपालन विभाग तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने दूसरे सप्ताह तक पहले सप्ताह के लिए निर्धारित लक्ष्य को भी को पूरा किया। पहले सप्ताह लक्ष्य के समतुल्य उपलब्धि न्यून रहने पर विभागाध्यक्षों ने आश्वस्त किया था कि दूसरे सप्ताह में गतिविधियां बढ़ाकर लक्ष्य हासिल कर लेंगे।

   संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को लेकर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में अभियान में सहयोग करने वाले विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों से प्राप्त कार्य योजना के अनुसार विभिन्न गतिविधियों के लक्ष्य के सापेक्ष दूसरे सप्ताह की उपलब्धि की समीक्षा की गई।

    बताया गया कि बेसिक शिक्षा विभाग अब तक 636 रैलियां निकाल चुका है। ग्राम विकास विभाग (पंचायती राज) की ओर से प्रधानों ने 878 प्रभातफेरियां निकालीं और ग्राम स्तरीय बैठकें कीं। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) की 744 बैठकें हुईं तथा 1024 ग्रामीण नालियों की सफाई की गई। 2,151 झाड़ियों की कटाई, 227 इंडिया मार्का-2 हैंडपंप की मरम्मत तथा 197 प्लेटफार्म की मरम्मत की गई। 56 उथले हैंडपंप का चिह्नीकरण हुआ। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 915 शौचालय बनवाए गए। नगर विकास विभाग ने नगरीय क्षेत्र में 12,129 नालियों की सफाई करवाई। 131 वार्डों में फागिंग का कार्य कराया। पशुपालन विभाग ने 140 सुअरपालकों को संवेदीकृत किया। कृषि विभाग ने रोडेन्टा (चूहे-छछूंदर) से बचाव के लिए संवेदीकृत करने को 887 बैठकें की। उद्यान विभाग की ओर से दो पार्कों में 1,725 मच्छररोधी पौधे लगाए गए। बाल स्वास्थ्य एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) ने 10 अति कुपोषित बच्चे चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) संदर्भित कराया। 

   दस्तक अभियान: जनपद में 15 अप्रैल से दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए 1738 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है जिनके माध्यम से घर-घर जाकर अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अभी तक ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) की 436 बैठकें कराई जा चुकी हैं। आशा कार्यकर्ता 1,50,496 घरों का भ्रमण कर लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक कर रहीं हैं। 610 मातृ बैठकों में माताओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया है। 443 ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस की बैठकों में दिमागी बुखार पर चर्चा की गई। 5,526 स्थलों पर पीने के पानी की स्वच्छता के लिए क्लोरिनेशन डेमो का आयोजन किया गया। अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए 127 स्वयं सहायता समूहों की बैठकें हुईं। अभियान चलाकर 278 मलेरिया बुखार के रोगी चिह्नित हुए। इनमें से 124 की मलेरिया जांच कराई गई लेकिन कोई भी रोगी मलेरिया धनात्मक नहीं मिला। सर्दी-जुकाम के 164 रोगियों में से 128 की कोविड जांच की गई लेकिन कोई भी रोगी कोविड धनात्मक नहीं मिला। अभियान के दौरान अभी तक सात क्षयरोगियों को चिह्नित किया गया है। अभी तक कुल 24 कुपोषित बच्चे चिह्नित हुए हैं। इनमें से तीन बच्चों को उपचार के लिए संदर्भित किया गया है। 

     मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने जनपदवासियों से घरों के आस-पास सफाई रखने और अनावश्यक जल एकत्रित न होने देने की अपील की है। कूलर आदि की भी नियमित सफाई करने को कहा है। बुखार की सूचना नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता को देने की बात कही है। जनहित के इस कार्यक्रम में लोगों से अपना सहयोग देने का आह्वान किया है।

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