Jaunpur news आदमखोर जानवर ने मचाया आतंक, पांच बकरियों को बनाया निवाला

रिपोर्ट : इन्द्रजीत सिंह मौर्य
आदमखोर जानवर ने मचाया आतंक, पांच बकरियों को बनाया निवाला
शाहगंज के अरन्द गांव में तेंदुआ या लकड़बग्घे के हमले की आशंका, ग्रामीणों में दहशत
जौनपुर (खेतासराय)।
Jaunpur news शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के अरन्द गांव में बीती रात एक आदमखोर जंगली जानवर ने कहर बरपा दिया। स्वर्गीय चुल्लूर राजभर के मवेशी घर में घुसकर जानवर ने पांच बकरियों को मौत के घाट उतार दिया और उनका पेट फाड़कर कलेजी समेत मुलायम मांस खा गया। खौफनाक बात यह रही कि हमलावर जानवर ने बकरियों का खून भी चूस लिया।
ग्रामीणों के अनुसार घटनास्थल से कुछ दूरी पर खेतों में जंगली जानवर के पंजों और नाखूनों के स्पष्ट निशान मिले हैं। कुछ ग्रामीण इसे तेंदुआ तो कुछ लकड़बग्घा बता रहे हैं। जानवर की इस खूंखार हरकत से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। जैसे ही शाम होती है, लोग अपने घरों में दुबक जाते हैं।
पीड़ित महिला शीला देवी राजभर, जो बेहद गरीब विधवा हैं, मजदूरी और पशुपालन के सहारे अपना जीवन यापन करती हैं। उनका घर भरौली ताल के किनारे सुनसान इलाके में है। रोज की तरह रात लगभग 11 बजे वह बकरियों और भैंस को खाना खिलाकर सोने चली गईं। रात करीब तीन बजे जानवरों की चीखने-चिल्लाने की आवाज आई, लेकिन भारी बारिश के कारण वह बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं।
सुबह जब वह मवेशी घर पहुंचीं, तो देखा कि पांचों बकरियां मृत पड़ी थीं और उनके पेट के हिस्से गायब थे। यह देखकर वह चिल्लाने लगीं, जिसके बाद गांव वालों की भीड़ जमा हो गई। सभी ने देखा कि बकरियों की कलेजी और पेट का मांस पूरी तरह से खाया जा चुका था, लेकिन वहीं बंधी भैंस को जानवर ने नहीं छुआ।
ग्रामीण रामनयन वर्मा ने तत्काल राजस्व विभाग और वन विभाग को सूचना दी। हल्का लेखपाल मनीष श्रीवास्तव और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की, लेकिन वन विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे, जिससे ग्रामीणों में रोष है।
📦 पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
करीब दस दिन पहले भरौली गांव में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है, जिसमें छह जानवरों को मार डाला गया था। यूपी डायल 112 की पुलिस टीम ने आशंका जताई है कि यह हमला किसी खूंखार लकड़बग्घे द्वारा किया गया हो सकता है। जिस तरह से बकरियों की कलेजी को विशेष रूप से निकाला गया और खून पीया गया, उससे इस आशंका को बल मिला है।
📦 शाम ढलते ही घरों में कैद हो रहे ग्रामीण
आदमखोर जानवरों के बढ़ते आतंक से ग्रामीणों का भय बढ़ गया है। लोग अब घर के बाहर सोने से बच रहे हैं। छोटे बच्चों को शाम होते ही घर के भीतर कर दिया जाता है। गांव के रामनयन वर्मा, शिवजोर, छोटेलाल गौतम आदि बताते हैं कि खेतों में काम करना अब खतरे से खाली नहीं।
ग्रामीणों की नाराजगी वन विभाग की लापरवाही को लेकर साफ देखी जा रही है। मांग की जा रही है कि गांव में वन विभाग की ओर से निगरानी और सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं।