JAUNPUR NEWS चारागाह भूमि पर अवैध कब्जे से सरकारी राजस्व को नुकसान,

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चारागाह भूमि पर अवैध कब्जे से सरकारी राजस्व को नुकसान, वसूली में लापरवाही पर उठे सवाल
केराकत
JAUNPUR ग्रामसभा नाऊपुर, तहसील केराकत जनपद जौनपुर में स्थित जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा ग्राम सभा की चारागाह भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने और उस पर निर्मित इकाई के खिलाफ अब तक 7.87 करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया जा चुका है। लेकिन सरकारी राजस्व वसूली की प्रक्रिया धीमी रहने के कारण अब तक यह राशि जमा नहीं हो पाई है। जिसकी शिकायत ग्रामीण आशुतोष सुनने डीएम जौनपुर से की, डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई का आदेश दिया।
शिकायतकर्ता आशुतोष सिंह ने डीएम दिनेश चंद्र को शिकायत करते हुए बताया कि लिक्विडेशन प्रक्रिया में चल रही उक्त कंपनी की परिसंपत्तियां (संयंत्र, मशीनरी आदि) अब उपेंद्र सिंह कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. को बेच दी गई हैं। इस दौरान कई महीनों से जेसीबी, ट्रक और ट्रैक्टर के जरिए फैक्ट्री की संपत्तियों को परिसर से बाहर भेजकर बेचा जा रहा है।
एनसीएलटी के आदेश के बावजूद नहीं हुई वसूली
बताया जा रहा है कि जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा बैंक ऋण का भुगतान न करने के कारण 25 जुलाई 2018 को एनसीएलटी इलाहाबाद द्वारा इसे कारपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस में डाल दिया गया था। इसके बाद सुप्रियो कुमार चतुर्वेदी बीडीओ इंडिया एल एल पी कोलकाता को आधिकारिक परिसमापक नियुक्त किया गया। हालांकि, तहसील प्रशासन द्वारा 23 अगस्त 2019 को कंपनी को नोटिस जारी कर 7.87 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया गया था। इसके तहत कंपनी ने 3 सितंबर 2019 को आंशिक राशि 182294+744200 रुपये का चेक भी दिया था। लेकिन शेष राशि के लिए जारी गिरफ्तारी अधिपत्र 25 सितंबर 2019 के बावजूद वसूली नहीं हो सकी।
मशीनरी और संयंत्रों की बिक्री पर रोक लगाने की मांग
ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन से जुड़े कुछ लोगों का आरोप है कि तहसील प्रशासन की निष्क्रियता और कागजी कार्यवाही के चलते यह राजस्व वसूली अब तक अधूरी है। यदि जल्द ही इस पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो सरकार को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
जनहित में मांग की गई है कि आर्थिक दंड की वसूली पूर्ण होने तक फैक्ट्री परिसर से मशीनों और संयंत्रों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। साथ ही, राजस्व विभाग एवं पुलिस प्रशासन को निर्देशित कर इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि सरकारी राजस्व सुरक्षित रह सके।
इस मामले में जानकारी लेने के लिए उपजिलाधिकारी सुनील कुमार भारती को कई बार फोन किया गया पर उनका फोन नहीं उठा।