November 18, 2025

सीएमओ ने आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम से ली एमडीए अभियान की जानकारी

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सीएमओ ने आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम से ली एमडीए अभियान की जानकारी

  • प्रशिक्षणार्थियों से पूछा एमडीए अभियान में उम्र के अनुसार कितनी मात्रा में खिलाई जाएगी दवा
  • एएनएम अवकाश पर, पोर्टल पर दर्ज करने के लिए एमओआईसी को किया निर्देशित
    जौनपुर, 23 जनवरी 2023। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने सोमवार को नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) मातापुर का निरीक्षण किया। इस मौके पर मौजूद नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक (यूएचसी) प्रवीन कुमार पाठक तथा प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी) डॉ गजेन्द्र सिंह से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के अंतर्गत आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा एएनएम को दिए जा रहे प्रशिक्षण के बारे में जानकारी ली।
    सीएमओ ने प्रशिक्षण ले रहीं आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा एएनएम से उनकी जानकारी का स्तर परखने का प्रयास किया। सीएमओ ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत वितरित होने वाली दवाओं डीईसी तथा एलबेंडाजोल के बारे में उनसे पूछताछ की। उनसे पूछा कि किस उम्र के लोगों को कितनी मात्रा में दवा देनी चाहिए।
    प्रशिक्षणार्थियों ने बताया कि एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली एलबेंडाजोल की खिलानी है। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को एक गोली डीईसी तथा एक गोली एलबेंडाजोल की खिलानी है। पांच से 15 वर्ष तक के बच्चों को दो गोली डीईसी व एक गोली एलबेंडाजोल देनी है। 15 वर्ष तथा उससे अधिक उम्र के लोगों को तीन गोली डीईसी तथा एक गोली एलबेंडाजोल खिलाई जाएगी। गर्भवती तथा गंभीर बीमार लोगों को दवा नहीं खिलानी है। दवा खाली पेट नहीं खानी है। कुछ खाकर ही दवा खाना है। एलबेंडाजोल की गोली का चबाकर सेवन करना है। डीईसी की गोली पानी के साथ निगलनी है।
    सीएमओ ने कहा कि दवा खाने के बाद बुखार, बदन दर्द, मिचली आना, उल्टी होना जैसे साइड इफेक्ट दिखने पर किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान केंद्र पर एक एएनएम छुट्टी पर थीं जिसके लिए सीएमओ ने एमओआईसी डॉ गजेन्द्र सिंह को उनकी छुट्टी पोर्टल पर दर्ज करने का निर्देश दिया। सफाई व्यवस्था ठीक नहीं रहने पर सफाईकर्मी को ठीक से सफाई रखने के लिए निर्देशित किया। अन्यथा की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी।
    प्रशिक्षण मात्र एक दिन के लिए ही आयोजित किया गया था जिसमें दो सत्रों में कुल 114 आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम ने भाग लिया।

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