प्रबंध तंत्र की कलम ने खेला खेल, अब होगा जेल का मेल!
जौनपुर का प्रतिष्ठित विद्यालय, कभी ज्ञान का मंदिर कहलाने वाला बयालसी डीग्री कालेज अब हिसाब-किताब के अखाड़े में तब्दील हो चुका था । दो साल से चली आ रही प्राचार्या बनाम प्रबंध तंत्र की जंग आखिरकार शासन की कलम से ख़त्म हुई और इस बार कलम चली सीधी बर्खास्तगी की दिशा में!

जांच में पता चला कि यहाँ कॉपी और किताबों से ज़्यादा खाता-बही खोली जा रही थी। शासन ने भी सोचा — जब पढ़ाई से ज़्यादा “लेखाकारी” हो रही है, तो अब “नियंत्रण” वहीं से होना चाहिए जहाँ हिसाब सही रखा जाता है। नतीजा
अब एक वर्ष के लिए कॉलेज का “प्रबंधन पाठ्यक्रम” अस्थायी रूप से क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, वाराणसी को सौंपा गया है। उम्मीद है कि अब कक्षाओं में “हिसाब-किताब” नहीं, बल्कि “ईमानदारी 101” का नया अध्याय पढ़ाया जाएगा।

विदित हो कि 30 मार्च 2024 को कार्यवाहक प्राचार्या डा. अलकेश्वरी सिंह द्वारा तत्कालीन प्रबंध तंत्र के विरुद्ध शासन को प्रेषित आख्या के आधार पर 30 जुलाई 2024 को उच्च शिक्षा निदेशालय स्तर पर गठित विशेष संपरीक्षा दल द्वारा जांच की गई थी। उक्त जांच आख्या का परीक्षण निदेशक उच्च शिक्षा एवं वित्त नियंत्रक उच्च शिक्षा निदेशालय की संयुक्त समिति से कराया गया।

संयुक्त समिति की रिपोर्ट में ₹5 करोड़ 79 लाख 75 हजार 872 रुपये की गंभीर वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई। इस आधार पर शासन ने धारा 57 एवं 58 के अंतर्गत कार्यवाही किए जाने की संस्तुति स्वीकार करते हुए प्रबंध तंत्र से 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था।

प्राप्त स्पष्टीकरण को शासन ने बलहीन एवं असंतोषजनक मानते हुए 2 जुलाई 2025 को धारा 58(1) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा 22 मई 2025 को अनुमोदित वर्तमान प्रबंध समिति को एक वर्ष के लिए बर्खास्त कर दिया। साथ ही क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, वाराणसी को महाविद्यालय का नियंत्रक नियुक्त किया गया है। इस निर्णय के उपरांत बयालसी महाविद्यालय बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने शासनादेश का स्वागत करते हुए मिष्ठान वितरण कर हर्ष व्यक्त किया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष बृजेश सिंह, आमोद सिंह (रिंकू), डा. राजकुमार सिंह, शैलेंद्र सिंह, विजय बहादुर सिंह, जयप्रकाश सिंह, नन्हे सिंह, विशालेन्द्र सिंह, बाबूराम पाल, प्रदीप दूबे, धीरज सिंह, कृपाशंकर सिंह एवं अरविंद सिंह सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

