राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जल निगम संघर्ष समिति को दिया नैतिक समर्थन

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जौनपुर उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति जौनपुर द्वारा वर्ष 2021 में जल निगम को दो टुकड़ों में विभाजित किए जाने से उपजी विसंगतियों के विरोध में आयोजित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन/काला दिवस को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव ने अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठकर धरने को नैतिक समर्थन किया। अध्यक्ष राकेश कुमार ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि जल निगम को शहरी एवं ग्रामीण दो टुकड़ों में बांटकर शासन द्वारा विभाग एवं कर्मचारियों/अधिकारियों दोनों का अहित किया जा रहा है।विगत 04 माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं देना, सातवें वेतन आयोग के सापेक्ष अभी तक वेतन का निर्धारण नहीं होना, अकुशल मानदेय कर्मियों से विभाग संचालित कराना आदि सरकार की हठधर्मिता एवं कुप्रबंधन का नतीजा है। संघर्ष समिति के चेयरमैन डॉ प्रदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश जल निगम को विभाजित करने से भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर को नल से जल मे उत्तर प्रदेश की प्रगति मात्र 16% होना शासन की गलत नीतियों का कुपरिणाम बताया। श्री सिंह ने कहा कि जल निगम 94 वर्ष पुरानी संस्था है जिसके अधिकारी और कर्मचारी अब खुद के अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिसका राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद कर्मचारी हित में पूर्ण रुप से समर्थन करता है तथा शासन से अपील करता है कि विभाजित दोनों निगमों को एकीकृत करते हुए कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य पावनो का भुगतान अति शीघ्र करें। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल में संरक्षक मंडल से अशोक कुमार मौर्य, आईटीआई संघ अध्यक्ष देवेश कुमार यादव, सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष अमर बहादुर यादव सहित अजय लाल मौर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष तेज बहादुर, रामलाल पाल, प्रमोद शर्मा, सुरेंद्र यादव सोनू,बृजेश यादव आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे। धरने का संचालन जल निगम संघर्ष समिति के सचिव सुजीत विश्वकर्मा ने किया।

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