पहले किया इंकार फिर एक-एक कर टीकाकरण के लिए हो गये तैयार कामयाबी

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-सघन मिशन इंद्र धनुष के तहत नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों के शत-प्रतिशत टीका का प्रयास
जौनपुर, 16 अप्रैल 2022
उन सभी ने टीका लगवाने से इंकार कर दिया था लेकिन स्वास्थ्य महकमे की सारी इकाइयों ने एक साथ मिलकर कोशिशें कीं। इसके चलते नियमित टीकाकरण से इनकार करने वाले परिवारों में से बड़ी संख्या में लोगों ने टीकाकरण करा लिया। जो शेष है वह रिश्तेदारियों में हैं या फिर दूर हैं। आने पर उनका भी टीकाकरण हो जाएगा। 
मामला सोंधी और मुफ्तीगंज ब्लाक का है। सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत ड्यूलिस्ट में सोंधी ब्लॉक के मानीकला गांव के 16 बच्चे तथा मुफ्तीगंज ब्लाक के सरकी और मुरकी गांव से चार बच्चे नियमित टीकाकरण से इनकार करने वाले परिवारों में चिह्नित थे। इसलिए मानीकला में स्वास्थ्य समेत अन्य विभाग की सभी इकाइयों ने संयुक्त प्रयास की पहल की। जिला मुख्यालय से बनी संयुक्त टीम में संयुक्त राष्ट्र बाल आपात कोष (यूनीसेफ) की जिला मोबलाइजेशन कोऑर्डिनेटर (डीएमसी) गुरदीप कौर, यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के वैक्सीन कोल्ड चेन मैनेजर (वीसीसीएम) शेख अबजाद, क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनीशिएटिव (चाई) से शिशिर कुमार रघुवंशी शामिल हुए। वहीं ब्लॉक से बनाई गई ब्लाक रिस्पांस टीम (बीआरटी) में प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी) डॉ रमेश चंद्रा, डॉ मसूद खां, डॉ एहतेशामुद्दीन, खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) नंदलाल, कानूनगो पंकज कुमार, लेखपाल श्रीप्रकाश अग्रहरि, बीएमसी अवधेश तिवारी शामिल हुए। दोनों टीमों ने 16 मार्च मानीकला पहुंच कर इनकार करने वाले परिवारों से अपने बच्चों को टीका न लगवाने के कारणों के बारे में जानकारी ली। इनकार करने वाले परिवारों में से कुछ ने कहा कि जब उनके बच्चे को कोई बीमारी नहीं है तो वह क्यों टीकाकरण करवाएं?, कुछ ने कहा कि टीका लगवाने से बच्चे बीमार हो जाएंगे जबकि कुछ ने कहा कि हम निजी अस्पताल में दिखाते हैं, वहीं पर टीका लगवा लेंगे।
इनकार करने वाले परिवारों को टीम ने समझाया कि यह कोई बीमारी की दवा नहीं है बल्कि यह एक टीका है जो टिटनेस, गलाघोंटू, कालीखांसी, वायरल निमोनिया, बैक्टीरियल निमोनिया, दस्त रोग (डायरिया), हेपेटाइटिस, टीबी, पोलियो, चेचक (खसरा), रुबेला, जापानी मस्तिष्क ज्वर जैसी 12 बीमारियों से बचाव करता है। यह बीमारियां जानलेवा हैं। टीका लग जाने से यह 12 बीमारियां नहीं होंगी।
  टीम की बातें उनकी समझ में आ गईं तो मानीकला के आंगनबाड़ी केंद्र पर 16 मार्च को लगे सत्र में आठ बच्चों का टीकाकरण कर दिया गया। मानीकला की आशा कार्यकर्ता शशिकला ने बताया कि बाकी चार बच्चों को भी बाद में उनके घरों पर जा-जाकर टीकाकरण करा दिया गया है। इस समय मात्र चार बच्चे बाकी हैं और वे सभी ननिहाल में हैं जिस दिन आएंगे, उन्हें भी लग जाएगा।मानीकला के प्रधान अरशद ने बताया कि बाकी बच्चे गांव में नहीं हैं, आने पर उनका भी टीकाकरण हो जाएगा।
  वहीं मुफ्तीगंज ब्लॉक के सरकी और मुरकी गांव में चार बच्चों के परिवार वालों ने टीकाकरण से इनकार कर दिया था। मुफ्तीगंज के ब्लॉक मोबलाइजेशन कोआर्डिनेटर (बीएमसी) शाहिद अली ने बताया कि टीकाकरण के लिए जाने पर वहां की महिलाएं कहती थीं कि टीका लगने से उनके बच्चे नपुंसक हो जाएंगे। हमने पहले भी पोलियो की खुराक नहीं पिलाई है। 22 मार्च को यूनीसेफ के रीजनल कोआर्डिनेटर (आरसी) प्रदीप विश्वकर्मा के नेतृत्व में टीम गांव में पहुंची और उन्हें टीके के फायदे समझाया। उसी दिन सरकी के एक बच्चे और मुरकी के तीन बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर शत-प्रतिशत टीकाकरण कर दिया गया। 
      जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि जनपद में दो वर्ष तक के 13,347 छूटे बच्चों का टीकाकरण करवाने के प्रयास के साथ ही नियमित टीकाकरण भी चल रहा है। इसके तहत दो वर्ष तक के 21,337 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। वहीं 4,471 छूटी गर्भवतियों एवं नियमित टीकाकरण के चलते 5,787 गर्भवतियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
क्या कह रहे लाभार्थी: मानीकला के कुवैद के पौत्र अरहम (2) को टीका लग गया है। कुवैद कहते हैं कि जब कोई घर पर नहीं था तो कैसे टीका लगवाते। बच्चा नहीं था इस वजह से नहीं लगा। अब बच्चा आ गया है अब लगवाऊंगा।

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