November 9, 2024

भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी योगी सरकार में भी खुले आम गरीबों के हक पर डाला डाका

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जौनपुर। भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी योगी सरकार में भी खुले आम गरीबों के हक पर डाका डाल रहे है। ये अधिकारी इतने बेखौफ हो गये है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में जमकर लूट खसोट कर रहे है। इसकी बानगी देखने को मिली है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में। इस योजना में लाभार्थियों से घुस लेने में डूडा अधिकारी संलिप्त पाये गये है। डीएम ने उन्हे निलंबित करने तथा एफआईआर दर्ज करने की संतुति कर दी है। 
 प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में जिले में गैंग बनाकर लाभार्थियों से जमकर वसूली व लूट-घसोट की गई है। जिसका परिणाम है कि जांच में नगर विकास अभिकरण (डूडा) के मुखिया ही दोषी पाएं गए। इस पर जांच अधिकारी एडीएम भू-राजस्व राजकुमार द्विवेदी ने विभाग के परियोजना अधिकारी अनिल कुमार वर्मा के खिलाफ निलंबन व मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति जिलाधिकारी से की है। यह भी पाया गया कि किस्त के लिए विभाग की तरफ से पोर्टल पर ट्रिकी फोटो अपलोड की जाती रही। यह भारी अनियमितता का द्योतक है। मड़ियाहूं के भंडरिया टोला निवासी संतोष कुमार गुप्त ने जिलाधिकारी के यहां आनलाइन संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में व्याप्त अनियमितता की शिकायत की थी। मामले में उन्होंने डूडा के जेई संतोष कुमार पर लाभार्थियों से पांच से 15 हजार रुपये ऐंठने का आरोप लगाया था। जिसमें उन पर ही मुकदमा दर्ज हो गया था। फिर पीड़ित ने पुन: मामले की शिकायत आइजीआरएस पर की। प्रकरण की जांच जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने एडीएम भू-राजस्व राजकुमार द्विवेदी को दी। जांच में उन्होंने पाया कि डूडा के परियोजना अधिकारी अनिल कुमार वर्मा ने जेई दयानंद के माध्यम से आवास के लाभार्थियों से 20 से 25 हजार रुपये अवैध वसूली गैंग बनाकर की गई है। उल्टा शिकायतकर्ता पर मुकदमा करा दिया। ऐसे में परियोजना अधिकारी डूडा को निलंबित करते हुए जांच की कार्रवाई करते दंडित किए जाने की प्रबल संस्तुति की जाती है। आउट सोर्सिंग की ब्लैकलिस्टेड फर्म, कंपनी को पुन: ब्लैक लिस्टेड करते हुए कंपनी के कर्मचारियों से तत्काल कार्य लेना बंद किया जाए। परियोजना अधिकारी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा धोखा देकर, विश्वासघात करके जिलाधिकारी से कपटपूर्ण अनुमोदन प्राप्त करने के लिए नामजद व अन्य सहयोगी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किए जाने की प्रबल संस्तुति की जाती है।  अपलोड की जाती थी ट्रिकी फोटो सर्वे प्रारंभ होने से लेकर प्रथम, द्वितीय, तृतीय किस्त व प्रत्येक स्तर पर फोटो अपलोड करने की व्यवस्था है। इसमें डूडा विभाग ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय किस्त निर्गत होने पर फोटो खींचकर पोर्टल पर ट्रिकी फोटो अपलोड किया गया है। इसमें अधिकारी व कर्मियों की भारी गड़बड़ी है। जिससे किसी स्थल की वास्तविक स्थिति कोई समझ न सके। ट्रिकी फोटो यानि मौके की वास्तविक स्थिति यानि अगल-बगल कुछ दिखाई न पड़े, केवल आवास के अंश का ही फोटो दिखाई पड़े।  एडीएम भू-राजस्व राजकुमार द्विवेदी ने बताया कि जांच में परियोजना अधिकारी डूडा अनिल कुमार वर्मा के गैंग बनाकर लाभार्थियों से वसूली की बात सामने आई है। इसमें पीओ डूडा का तत्काल निलंबन व मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति जिलाधिकारी से की गई है। शिकायतकर्ता संतोष कुमार गुप्त पर दर्ज झूठे मुकदमे को न्याय हित में वापस लिया जाना उचित होगा।सभार – जागरण 

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