Jaunpur news आजमगढ़ सीमा पर लकड़बग्घे की दहशत, वन विभाग की सर्च ऑपरेशन जारी

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जौनपुर-आजमगढ़ सीमा पर लकड़बग्घे की दहशत, वन विभाग की सर्च ऑपरेशन जारी
वनमंत्री के निर्देश पर दो जिलों की संयुक्त टीमें लगीं सर्च में, अब तक नहीं मिला सुराग

रिपोर्ट: इन्द्रजीत सिंह मौर्य
जौनपुर।
पूर्वांचल के जौनपुर और आजमगढ़ जनपद की सीमा पर स्थित अरन्द (जौनपुर) और अरनौला (आजमगढ़) गांव में बीते कई दिनों से लकड़बग्घा उर्फ तेंदुए की दहशत बनी हुई है। जानवरों पर हुए हमलों और ग्रामीणों द्वारा देखे जाने के बाद वन विभाग ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।

पिछले दो दिनों से जौनपुर और आजमगढ़ की वन विभाग टीमें घने झाड़-झंखाड़, धान के खेतों और नहर के किनारे जाल बिछाकर और हथियारों से लैस होकर तलाश में जुटी हैं। शुक्रवार 26 जुलाई को ऑपरेशन तेज करते हुए आजमगढ़ के प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी गंगादत्त मिश्र, सब डिविजनल ऑफिसर सत्येंद्र मौर्य, जौनपुर की डीएफओ प्रोमिला, एसडीओ सरफराज, शाहगंज के वन रेंजर राकेश कुमार दो विशेषज्ञ टीमों के साथ मौके पर पहुंचे। इन टीमों ने अरन्द और अरनौला गांव में व्यापक घेराबंदी की, लेकिन देर शाम तक कोई तेंदुआ पकड़ में नहीं आया।

वनमंत्री के निर्देश के बाद हरकत में आया महकमा

तेंदुए की मौजूदगी की खबरें मीडिया में वायरल होने के बाद प्रदेश के वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने दोनों जिलों के मंडल स्तरीय अधिकारियों को तत्काल मौके पर भेजने के निर्देश दिए। इसके बाद ही विभागीय अमला सक्रिय हुआ और खोज अभियान को विस्तार दिया गया।

ग्रामीणों में भय का माहौल

अरन्द गांव के निवासी रामनयन वर्मा ने बताया कि 17 जुलाई को शीला राजभर की पांच बकरियों को तेंदुए ने मार डाला था। तब से आस-पास के आधा दर्जन गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि 25 जुलाई को दो तेंदुओं को एक साथ खेतों में घूमते देखा गया, जिससे भय और बढ़ गया है।
शाम ढलते ही ग्रामीण अपने घरों में कैद हो जाते हैं और खेतों में जाने वाले किसानों, बच्चों की विशेष निगरानी की जा रही है।

शुरू में वन विभाग ने बताया था अफवाह

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि शुरू में शाहगंज तहसील स्तर के वन विभाग अधिकारी इस खतरे को अफवाह मानते रहे और कार्रवाई में देरी की। लेकिन जब उन्हें खेतों में घूमते तेंदुए का वीडियो दिखाया गया, तब जाकर वे सक्रिय हुए। अब ग्रामीणों की मदद से लाठी-डंडों के साथ “हांका पद्धति” से तेंदुआ पकड़ने की कोशिश की जा रही है। कई ग्रामीण मोबाइल कैमरों से इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बना रहे हैं।

निष्कर्ष

अब तक तेंदुए या लकड़बग्घे का कोई सुराग नहीं मिल सका है, लेकिन वन विभाग की टीमें लगातार सर्च अभियान में जुटी हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई की गई होती तो दहशत की यह स्थिति शायद टल सकती थी। फिलहाल वन विभाग और ग्रामीणों की संयुक्त कोशिशें जारी हैं, उम्मीद है कि जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा।

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