Jaunpur news आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय, कांग्रेस ने की थी लोकतंत्र की हत्या : बेबीरानी मौर्य

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आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय, कांग्रेस ने की थी लोकतंत्र की हत्या : बेबीरानी मौर्य

प्रेस की स्वतंत्रता पर थोप दी गई थी सेंसरशिप, मौलिक अधिकार किए गए थे समाप्त – भाजपा की प्रेस वार्ता में बोलीं पूर्व राज्यपाल

Jaunpur news जौनपुर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा 25 जून 1975 को लगे आपातकाल के विरोध में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व उत्तराखंड राज्यपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता बेबीरानी मौर्य ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का “काला अध्याय” करार दिया।

बेबीरानी मौर्य ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने न केवल प्रेस की स्वतंत्रता छीनी, बल्कि नागरिकों के मौलिक अधिकार भी छीन लिए थे। “बिना अनुमति के कुछ भी छप नहीं सकता था, मीडिया पर सेंसरशिप थोप दी गई थी और लाखों निर्दोष लोगों को जेल में डाल दिया गया था,” उन्होंने कहा।

उन्होंने कहा कि 21 महीनों तक चला यह आपातकाल कांग्रेस की सत्ता लोलुपता, दमनकारी नीतियों और तानाशाही मानसिकता का परिणाम था। यह किसी राजनीतिक आंदोलन का विरोध मात्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को बचाने का संघर्ष था। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले युवाओं, पत्रकारों और जनआंदोलनकारियों को नमन किया।

बेबीरानी मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाए जाने के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि “आपातकाल जैसी घटनाओं की यादें धुंधली नहीं होनी चाहिए। यह देश के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए खतरा है।”

उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, यहां तानाशाही मानसिकता को स्वीकार नहीं किया जा सकता। आपातकाल कोई मजबूरी नहीं, बल्कि सत्ता की भूख और तानाशाही सोच का परिणाम था। यह दिन याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता बचाने के लिए किस हद तक जा सकती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा इस काले अध्याय को गांव-गांव, घर-घर तक लेकर जाएगी ताकि नई पीढ़ी यह जान सके कि 1975 में किस तरह देश के लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था।

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