November 18, 2025

रातों-रात प्रदेश की सुर्खियों में छाया जौनपुर के खुटहन का गुलरा गांव

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रातों-रात प्रदेश की सुर्खियों में छाया जौनपुर के खुटहन का गुलरा गांव

भाजपा विधायक बिश्नोई को पुलिसकर्मियों के साथ खुद पिटवाने वाले रिटायर्ड डिप्टी एसपी अब्दुल समद का पूर्व की सरकारों में बोलती थी तूती

लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा आजमगढ़ में अरबों की संपत्ति के मालिक है रिटायर्ड डीएसपी

जौनपुर।
विधानसभा में 1 दिन के लिए सजा पाने से रातों-रात प्रदेश में सुर्खियों में बना खुटहन का गुलरा गांव।
अपनी डिप्टी एसपी के नौकरी के दौरान अपनी तैनाती के समय प्रदेश में सपा और बसपा की सरकारों में कभी जोरदार तूती बोलती थी इस रिटायर्ड अधिकारी के इलाके में भी उसका खासा धौंस था।
कानपुर जिले के जनरलगंज विधानसभा के तत्कालीन भाजपा विधायक सलिल विश्नोई को बिजली कटौती के विरोध में धरना प्रदर्शन करने के दौरान तत्कालीन डिप्टी एसपी अब्दुल समद
समेत पांच पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकार हनन का दोषी पाया गया है।
वर्ष 2004 में हुई इस निंदनीय घटना में 19 साल बाद विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन विधायक रहे सलिल विश्नोई की शिकायत पर विशेषाधिकार समिति ने 28 जुलाई 2005 को कानपुर के तत्कालीन सीओ बाबूपुरवा समेत कानपुर किदवई नगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषि कांत शुक्ला, तत्कालीन उप निरीक्षक कोतवाली त्रिलोकी सिंह, पुलिस कांस्टेबल छोटे सिंह यादव, विनोद मिश्रा और मेहरबान सिंह को दोषी पाया गया।
हालांकि इस पूरे प्रकरण में सीओ अब्दुल समद को छोड़कर बाकी अन्य पुलिस अधिकारी कर्मचारी अभी सेवा में है।
जबकि सीओ अब्दुल समद दूसरी सेवा में आकर आईएएस होने के बाद रिटायर हो गए हैं।

इनसेट
जौनपुर।
अब्दुल समद पर क्या है आरोप
ड्यूटी के दौरान तत्कालीन सीओ अब्दुल समद ने भाजपा के तत्कालीन भाजपा विधायक
सलिल विश्नोई को बीच सड़क पर सरेआम लाठियों से पीटते हुए भद्दी भद्दी गालियां दी थी।
बिश्नोई का आरोप है कि उस समय अब्दुल समद ने कहा था कि देखते हैं क्या होता है विधायक, सदन क्या कर लेगा।
इतना ही नहीं हाथ पैर तोड़वाने
और जान से भी मारने की धमकी दी थी।
उस दौरान पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो विश्नोई ने 25 अक्टूबर 2004 में इस मामले को विधानसभा में उठाया था।

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