November 18, 2025

व्यक्तित्व का निर्माण करती है भारतीय संस्कृति :डॉ राजीव

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हीन भावना से दूर रहने वाला हीं हिन्दू : डॉ सुनील कुमार

जौनपुर। जी-20 के परिपेक्ष्य में शनिवार को एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका विषय था भारतीय संस्कृति के विभिन्न पक्ष।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव श्रीवास्तव ने कहा भारतीय संस्कृति को समझने के लिए भगवान श्रीराम के व्यक्तित्व को समझना होगा। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक परिपेक्ष्य से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। भारतीय संस्कृति एक ग्राह्य संस्कृति है जो सभी संस्कृति का स्वागत और सम्मान करती है। भारतीय संस्कृति त्याग की संस्कृति है। उन्होंने ने अन्य धर्म और संस्कृति के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहा कि यह देश और संस्कृति राम और कृष्ण का है। अगर हम उनका अनुसरण करें तो तमाम समस्याओं का निराकरण खुद हो जाएगा।
अध्यक्षता करते हुए जनसंचार विभाग के डॉ सुनील कुमार ने कहा कि जिस संस्कृति का दर्शन होता उसका कोई अंत नही हो सकता। उन्होंने कहा कि जो हीन भावनाओं से दूर हो वही हिन्दू है। अगर भारतीय संस्कृति जानना है तो भगवान श्री राम और श्रीकृष्ण को समझना होगा। उन्होंने कहा कि ताकतवर होते हुए भी हिन्दू संस्कृति सहिष्णुता का परिचय देती है।
डॉ मनोज कुमार पांडे ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि इतिहास साक्ष्य पर आधारित है और बिन साक्ष्य की भी विषय पर वार्ता नही किया जा सकता। रितिक पांडेय ने वेबिनार का संचालन किया। इस मौके पर डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ रसिकेश, डॉ सुशील कुमार, डॉ अनु त्यागी, डॉ आशुतोष सिंह, किशन जायसवाल, विनीत तिवारी, शशांक भारती, हेदायत फातिमा, संस्कार श्रीवास्तव, आँचल सिंह आदि मौजूद रहे।

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