फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान 10 फरवरी से जनचौपाल के जरिये फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूक किया

जौनपुर, । धर्मापुर ब्लाक अंतर्गत केशवपुर गांव में शुक्रवार को जनचौपाल का आयोजन हुआ। उप जिलाधिकारी सुनील कुमार के नेतृत्व में आयोजित जनचौपाल में पीसीआई की डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटर सरिता मिश्रा ने मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के तहत अधिकारियों और ग्रामीणों को जागरूक किया ।
कार्यक्रम में सरिता ने बताया कि 10 फरवरी से 27 फरवरी तक चलने वाले एमडीए अभियान के बारे में जानकारी दी और अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों से सहयोग मांगा। उन्होंने 10 से 27 फरवरी तक आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सामने डीईसी और एलबेंडाजोल खा लेने का निवेदन किया । उन्होंने बताया कि पांच वर्ष तक लगातार दवा का सेवन कर कोई भी व्यक्ति फाइलेरिया से सुरक्षित हो सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि जनपद में वर्ष 2019-20 में लिम्फोडिमा यानि हाथीपांव के 30,871 रोगी चिह्नित हुए थे जबकि वर्ष 2021-22 में एमडीए अभियान के पहले ही 5,252 हाथीपांव के रोगी चिह्नित हुए । विभाग के अनुसार वर्ष 2019-20 में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउन्ड के दौरान जनपद की 50,30,940 आबादी में से 33,87,610 लोगों को दवा खिलाई गई जबकि वर्ष 2020-21 में 52,06,963 जनसंख्या में से 34,98,715 लोगों ने दवा खाई।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) भानु प्रताप सिंह ने बताया कि फाइलेरिया की दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती तथा अत्यधिक बीमार लोगों को नहीं करना है। शेष सभी लोग साल में एक बार और लगातार पांच वर्ष तक दवा खाकर भविष्य की परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि माइक्रो फाइलेरिया यदि शरीर के अंदर है तो भी वह दवा के सेवन से समाप्त हो जाता है। दूसरा लाभ दवा खाने से संक्रमित व्यक्ति से उसके परिवार में संक्रमण नहीं फैलता है। यह दवा पूर्णतः सुरक्षित है।
डीएमओ ने बताया कि उचरेरिया बैंकफ्टी संक्रमित मच्छर के काटने पर शुरू में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। असल में इसके लक्षण आने में 5 से 10 वर्ष लग जाते हैं। सिर्फ हल्का बुखार और खांसी आती है। उस समय फाइलेरिया पर किसी का संदेह भी नहीं जाता है। सामान्य सर्दी-खांसी और बुखार समझकर उसे नजरंदाज कर देते हैं। धीरे-धीरे हाथ-पैरों में सूजन होने लगती है। ऐसी स्थिति में रुग्णता प्रबंधन ही किया जाता है। परिवार के अन्य सदस्यों के भी इससे प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद मच्छर अन्य को संक्रमित कर सकता है। इसलिए दवा खाना आवश्यक है।
जनचौपाल में प्रधान संतोष कुमार मौर्य, जिला पंचायतराज अधिकारी अरविन्द प्रकाश, एडीओपी लालजी राम, श्रम परिवर्तन अधिकारी नेहा यादव, बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अभिषेक द्विवेदी, खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) काशीनाथ सोनकर, ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) श्रुति गुप्ता, ब्लाक मिशन मैनेजर ऋषभ आदि मौजूद रहे।
