ठाकुरबाड़ी समिति ने क्षय रोगियों को बांटी पोषण पोटलीक्षय उन्मूलन अभियान

ठाकुरबाड़ी समिति ने क्षय रोगियों को बांटी पोषण पोटली
क्षय उन्मूलन अभियान
- दवा का कोर्स पूरा करें, तो पूरी तरह ठीक हो जाएगी टीबी – सीएमओ
- एकीकृत निक्षय दिवस पर टीबी जांच, उपचार आदि की सुविधा मौजूद
जौनपुर, 11 जनवरी 2023। गौरीशंकर मंदिर सिंगरामऊ स्थित ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की ओर से गोद लिए गए क्षयरोगियों को मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने पोषण पोटली प्रदान की। साथ ही सरकार की ओर से चलाईं जा रहीं योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ठाकुरबाड़ी की ओर से क्षय रोगियों को पोषण और भावनात्मक सहयोग प्रदान करने के लिए सराहना की । उन्होंने लाभार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि टीबी की दवा का कोर्स पूरा करना चाहिए। बीच में दवा नहीं छूटनी चाहिए । ऐसा करने से टीबी पूरी तरह ठीक हो सकती है।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) सलिल यादव ने क्षयरोगियों के सम्पर्क मे रहने वाले पांच वर्ष से छोटे बच्चों को टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) दिए जाने के बारे में जानकारी दी । उन्होंने कहा कि हर 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन जनपद की प्रत्येक स्वास्थ्य इकाई पर किया जाता है। क्षय उन्मूलन अभियान को गति देने के लिए जनपद के 199 हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों को सक्रिय किया गया है।
संस्था प्रमुख डॉ अंजू सिंह ने क्षयमुक्त समाज के लिए लोगों से आव्हान किया । उन्होंने वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संस्था की ओर से हर संभव प्रयास करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई । साथ ही टीबी के लक्षण दिखने पर बलगम की जांच के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाने की अपील की । उन्होंने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों पर भी निक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है।
सृष्टि बरनवाल के साथ संस्था की सांस्कृतिक टीम ने गीत और संगीत के माध्यम से क्षयरोग के लक्षण और बचाव के बारे जागरूक किया गया । टीम में शंंभूलाल, वीरेंद्र कुमार, सुनील कुमार आदि शामिल रहे। कार्यक्रम में बदलापुर के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) तरुण कुमार, लैब टेक्नीशियन निगम जी, डॉ मुन्ना पांडे, सौम्या सिंह, लालमणि मिश्र, सत्यजीत मौर्य, अंकिता मिश्रा, गरुण बरनवाल. प्रीती बरनवाल, नीतू, आदि मौजूद रहे।
उपलब्धियां: डीपीसी सलिल यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री क्षयरोग मुक्त भारत अभियान और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में इस साल अब तक कुल 7,390 क्षय रोगियों का पंजीकरण हुआ है। इसमें 6,108 सरकारी अस्पतालों के हैं जबकि 1,282 निजी अस्पतालों के हैं। डायरेक्ट बेनीफिसियरी ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए 1.90 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य स्तर के निर्देश के तहत पब्लिक सेक्टर के अस्पतालों/डॉक्टरों से 6,000 तथा प्राइवेट के डॉक्टरों/अस्पतालों से 2500 क्षयरोगियों को खोजने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एनटीईपी की टीमें निजी क्षेत्र के अस्पतालों/डॉक्टरों से नोटीफिकेशन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। क्षयरोग में सबसे जरूरी बलगम की जांच कराना है। बलगम की जांच में क्षय रोग का पता चलने पर समझना चाहिए कि क्षयरोग है। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के इलाज के दौरान सरकार 500 रुपए पोषण भत्ता के रूप में देती है।
