प्रवक्ता के हत्यारे छात्र को आजीवन कारावास

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जौनपुर

छात्राओं से अभद्रता पर डांटने व एक थप्पड़ मारने से आक्रोशित छात्र ने 19 वर्ष पूर्व दिया था घटना को अंजाम

मृतक के बड़े भाई अधिवक्ता अरविंद ने दर्ज कराई थी घटना की प्राथमिकी
जौनपुर जलालपुर थाना क्षेत्र बैरगिया गांव के पास कॉलेज जा रहे प्रवक्ता व वैज्ञानिक अजीत कुमार सिंह की 19 वर्ष पूर्व गोली मारकर हत्या करने वाले बीए द्वितीय वर्ष के छात्र सुरेंद्र कुमार यादव को अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास व 1.10लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया।50,000रुपये मृतक की पत्नी को देने का आदेश हुआ।दोषी सुरेंद्र को आर्म्स एक्ट में भी 2 वर्ष कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

घटना की प्राथमिकी मृतक के बड़े भाई अरविंद कुमार सिंह एडवोकेट, दीवानी न्यायालय ने दर्ज कराया था।अभियोजन के अनुसार अजीत कुमार सिंह चक्के पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में जीव विज्ञान के प्रवक्ता,कॉलेज के अनुशासित समिति के सदस्य व वैज्ञानिक भी थे। मातापुर लाइन बाजार में रहते थे। 20 अगस्त 2003 को रोजाना की भांति कालेज के लिए बस से जलालपुर चौमोहानी पहुंचे। वहां उनके मित्र विजय प्रकाश सिंह मिले।अजीत विजय की बुलेट पर पीछे बैठकर कॉलेज जा रहे थे।करीब 10:00 बजे जब वे चौरी बाजार के पहले बैरगिया गांव पहुंचे तभी हीरो हौंडा सवार तीन बदमाश अजीत पर पीछे से फायर कर दिए।गोली पीठ में लगी।अजीत ने चिल्लाकर विजय से कहा मुझे गोली लगी है तब उन्होंने गाड़ी रोक दिया।तीनों बदमाश पुन: मोटरसाइकिल मोड़ कर दोबारा अजीत पर फायर झोंक दिए।वह गिर पड़े।विजय व गांव के लोग बदमाशों को पकड़ने के लिए दौड़ाए।बदमाश असलहा लहराकर धमकी दिये कि कोई आगे बढ़ेगा तो जान से मार देंगे। हवाई फायरिंग करते हुए फरार हो गए।अजीत को सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर वाराणसी में भर्ती कराया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई।घटना के 10-15 दिन पहले प्रवक्ता अजीत ने दोषी छात्र सुरेंद्र यादव निवासी रेहटी बतसपुर,जलालपुर को कॉलेज में क्लास रूम के सामने छात्राओं से अभद्रता करने पर डांटते हुए एक थप्पड़ मारा था।सुरेंद्र ने उन्हें देख लेने की धमकी दी थी। 20 अगस्त 2003 को उसने घटना को अंजाम दिया।पुलिस ने दोषी सुरेंद्र को 28 अक्टूबर 2003 को आलाकत्ल रिवाल्वर व चार जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने समस्त साक्ष्यों का परिशीलन करने के बाद सुरेंद्र को दोषी पाते हुए सजा सुनाया।

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