Jaunpur news वृद्धाश्रम सैयद अलीपुर में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित, भरण-पोषण अधिकारों पर दी गई विस्तृत जानकारी
जौनपुर: वृद्धाश्रम सैयद अलीपुर में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित, भरण-पोषण अधिकारों पर दी गई विस्तृत जानकारी
जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुशील कुमार शशि के मार्गदर्शन में सोमवार को “निःशुल्क वृद्धजन आवास, वृद्धाश्रम सैयद अलीपुर, सदर” में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की देखरेख अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशांत कुमार सिंह द्वारा की गई।
शिविर को संबोधित करते हुए सचिव प्रशांत कुमार सिंह ने बालक, वृद्ध एवं वयस्क की कानूनी परिभाषाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी वयस्क पुत्र–पुत्री, अनुपस्थिति में पौत्र–पौत्री तथा दत्तक संतान पर होती है। उन्होंने कहा कि भोजन, वस्त्र, आवास, चिकित्सा और आपातकालीन जरूरतों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संबंधित अधिकारी या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से तत्काल संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने भरण-पोषण अधिनियम की प्रक्रिया समझाते हुए बताया कि आवेदन देने पर सामान्यतः 90 दिनों के भीतर निस्तारण होता है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर 30 दिन और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पति-पत्नी में से एक की मृत्यु हो जाती है, तब भी पूरी राशि दूसरे जीवनसाथी को मिलती रहती है। यह अधिनियम सभी धर्मों पर समान रूप से लागू होता है। उपस्थित वृद्धजनों ने वृद्धाश्रम की सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया।
डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका बताते हुए कहा कि वृद्धाश्रम में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को रहने, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, मनोरंजन और परामर्श जैसी सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, पारिवारिक एवं व्यक्तिगत कानूनों तथा विभिन्न पेंशन योजनाओं—जैसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम—के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को 1000 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रतिमाह तक सहायता राशि दी जाती है, तथा 80 वर्ष से अधिक आयु वालों को इससे अधिक लाभ मिल सकता है।
कार्यक्रम के अंत में काउंसलर शिल्पी जायसवाल ने वृद्धजनों को फल व पौष्टिक आहार वितरित किया। वृद्धाश्रम संचालक रवि चौबे ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
