Jaunpur news शिया कॉलेज में मजलिस में उमड़ा जनसैलाब, लंदन से आए मौलाना अकीलुल गरवी ने दिया आपसी सौहार्द का संदेश

शिया कॉलेज में मजलिस में उमड़ा जनसैलाब, लंदन से आए मौलाना अकीलुल गरवी ने दिया आपसी सौहार्द का संदेश
जौनपुर।
पूर्व एमएलसी हाजी सिराज मेंहदी एवं लोकदल के वरिष्ठ नेता मिर्जा जावेद सुल्तान के वालिदैन के इसाले सवाब की मजलिस शिया कॉलेज के सभागार में बड़े ही अकीदत और एहतराम के साथ संपन्न हुई।
मजलिस को लंदन से पधारे विश्वविख्यात आयतुल्लाह मौलाना अकीलुल गरवी ने खिताब किया। उन्होंने अपने बयान में आपसी सौहार्द और एकता पर जोर देते हुए कहा कि “पैगंबर मोहम्मद साहब दो चीजें देकर गए हैं — एक कुरआन और दूसरा अपने अहलेबैत। जो इन दोनों को थामे रहेगा, वह कभी गुमराह नहीं होगा।”
मौलाना ने कहा कि आज उम्मते मुसलमां की गुमराही का सबसे बड़ा कारण यही है कि उसने अहलेबैत से दूरी बना ली है। उन्होंने बताया कि यही वजह है कि मुसलमान दुनिया भर में बदनाम हो रहा है। मौलाना ने कहा, “यजीद यह समझता था कि इमाम हुसैन को कत्ल कराकर वह इस्लाम में मनमानी करेगा, लेकिन इमाम हुसैन ने अपना सर देकर कर्बला की जंग जीत ली।”
उन्होंने बताया कि शहादत के बाद जब इमाम हुसैन का सर नैजे पर बुलंद किया गया तो वह कुरआन की आयतों की तिलावत करने लगा, जो इस बात की निशानी है कि कुरआन आज भी अहलेबैत के साथ है।
मजलिस की सोजख़ानी समर रज़ा ने की, जबकि पेशख़ानी विख्यात शायर मंज़र भोपाली और एहतिशाम जौनपुरी ने पेश की।
कार्यक्रम में मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी, मौलाना फज़ले मुमताज़, मौलाना आबिद, हाईकोर्ट के न्यायाधीश कमर रिज़वी, मोहम्मद हसन तनवीर, नजमुल हसन नजमी, सादिक रिज़वी समेत हज़ारों अकीदतमंद मौजूद रहे।
अंत में आयोजक हाजी सिराज मेंहदी और मिर्जा जावेद सुल्तान ने सभी मोमनीन का शुक्रिया अदा किया।