Jaunpur news 5000 सरकारी स्कूलों को बंद करने के विरोध में जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन

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5000 सरकारी स्कूलों को बंद करने के विरोध में जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन
एसयूसीआई (सी) समेत विभिन्न संगठनों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

जौनपुर, उत्तर प्रदेश।
Jaunpur news उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने, नई शिक्षा नीति 2020, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, बिजली कानून संशोधन अधिनियम 2023, चार श्रम संहिता (लेबर कोड), एमएसपी की कानूनी गारंटी न देने और सरकार की अन्य जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मंगलवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एसयूसीआई (कम्युनिस्ट), एआईडीएसओ, एआईडीवाईओ, एआईकेकेएमएस और एआईयूटीयूसी जैसे संगठनों ने संयुक्त रूप से किया।

धरने से पूर्व क्रांति स्तंभ (विकास भवन) से एक जुलूस निकाला गया, जो कचहरी रोड होते हुए प्रदर्शन स्थल तक पहुंचा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को बंद या मर्ज करना छात्रों और गरीब वर्ग के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण को बढ़ावा देने की साजिश है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार स्कूलों को कम छात्र संख्या का हवाला देकर बंद कर रही है, जबकि शराब की दुकानें तेजी से खोली जा रही हैं। यह गरीब जनता को शिक्षा से वंचित कर नशाखोरी की ओर धकेलने की नीति प्रतीत होती है।

प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि जब गांवों के सरकारी स्कूल बंद कर दिए जाएंगे, तो गरीब अभिभावक अपने बच्चों को 3 किलोमीटर दूर मर्ज किए गए स्कूलों में कैसे भेज पाएंगे? कई स्थानों पर तो दुर्गम और असुरक्षित मार्गों के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह छूटने की आशंका है।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के जरिए सरकार शिक्षा को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने पर आमादा है। वहीं दूसरी ओर श्रमिकों, किसानों और आम नागरिकों के अधिकारों पर हमले किए जा रहे हैं। सरकार चार श्रम कोड, बिजली कानून संशोधन, वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव जैसे कदमों से जनविरोधी नीतियां थोप रही है।

कार्यक्रम को इन नेताओं ने किया संबोधित:
एसयूसीआई (सी) के रविशंकर मौर्य और अशोक कुमार खरवार, एआईकेकेएमएस से श्रीपति सिंह, एआईडीएसओ से दिलीप कुमार खरवार, एआईडीवाईओ से इन्दुकुमार शुक्ल, एआईयूटीयूसी से प्रवीण कुमार शुक्ल ने कार्यक्रम में अपने विचार रखे।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शामिल रहे:
दिनेशकांत मौर्य, प्रमोद कुमार शुक्ल, विजय प्रकाश गुप्त, राकेश निषाद, शिवप्रसाद, अलगूराम, विनोद मौर्य, संतोष प्रजापति, मनोज कनौजिया, लालताप्रसाद, राकेश मौर्य, रामदेव मौर्य, देवव्रत, राजबहादुर विश्वकर्मा, प्रदीप सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि अब जनता को संगठित होकर सड़कों पर उतरना होगा, क्योंकि यही अपने अधिकारों को बचाने का एकमात्र रास्ता है।

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