लूट और चोरी? संदिग्ध कह देना आसान, परन्तु सच्चाई तक पहुंचना मुश्किल

जौनपुर, जलालपुर थाना क्षेत्र में पिछले तीन दिनों में दो अलग-अलग घटनाओं ने जलालपुर थाना क्षेत्र के लोगों को हिला कर रख दिया है। एक तरफ व्यापारी से 50 हजार की लूट, तो दूसरी ओर किराना स्टोर से 25 हजार की चोरी यह दोनों ही घटनाएं पीड़ितों के लिए सदमे से कम नहीं रहीं। पर इससे भी ज़्यादा पीड़ा इस बात की है कि पुलिस इन घटनाओं को ‘संदिग्ध’ बता रही है, बिना किसी ठोस आधार के।
पहली घटना बीते शुक्रवार की रात मनहन गांव निवासी व्यापारी दीपचंद मौर्य, जो पूरेंव बाजार में वक्रांगी केंद्र व कपड़े की दुकान चलाते हैं, आरोप है कि वह रोज़ की तरह दुकान बंद कर अपने गांव लौट रहे थे। लेकिन घर पहुंचने से पहले ही बाइक सवार बदमाशों ने उनके 50 हजार रुपये छीन लिए और अंधेरे में गायब हो गए। यह घटना न सिर्फ उनके लिए आर्थिक झटका है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें तोड़ गई है।
दूसरी घटना बीती रात की है। आरोप है कि राजेपुर त्रिमुहानी स्थित एक किराना दुकानदार सुबह जब अपनी दुकान पहुँचे, तो देखा कि शटर टूटा पड़ा है और गल्ले में रखे 25 हजार रुपये ग़ायब हैं। डर, असुरक्षा और अपमान का मिला-जुला भाव उनके चेहरे पर साफ़ झलक रहा था।
लेकिन जब ये पीड़ित न्याय की आस लिए थाने पहुँचे, तो पुलिस ने घटना को ‘संदिग्ध’ करार दिया। न कोई केस दर्ज, न कोई तसल्ली। बस कुछ सवाल-जवाब और आश्वासन कि “जांच चल रही है।”
वही क्षेत्री लोगों का कहना है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम हो रही है और अब खुद की नाकामी छुपाने के लिए घटनाओं को ही झूठा करार दे रही है। लोगों को डर है कि कहीं पुलिस पूछताछ के नाम पर निर्दोषों को पकड़ न ले आयें और थाने पर उनका शोषण हो।
पीड़ितों की आंखों में सिर्फ एक सवाल है — क्या हमारे साथ हुआ अन्याय भी अब शक की नज़र से देखा जाएगा?
इस सवाल का जवाब शायद वक्त देगा, लेकिन अब पुलिस को सच्चाई सामने लाना ही पड़ेगा। ऐसा नहीं हुआ तो लोगों का पुलिस से भरोसा उठ जाएगा।