ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन

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आज जिला बाल संरक्षण इकाई जौनपुर द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 39 के अंतर्गत वाणिज्य स्वयंसेवी संगठन के सहायक व्यक्तियों का ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री अशोक मिश्रा द्वारा किशोर न्याय अधिनियम एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की विस्तार से जानकारी प्रदान की गई बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय द्वारा सहायक व्यक्ति की क्या-क्या जिम्मेदारी एक में निर्धारित की गई है और सहायक व्यक्तियों को क्या करना होगा का विस्तार से वर्णन किया और बताया कि पीड़ित बच्चे का सर्वोत्तम हित ही सहायक व्यक्ति का मेन उद्देश्य होगा साथ ही प्रकरण की गोपनीयता बनाए रखना भी सभी की जिम्मेदारी होगी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड द्वारा सभी को न्यायिक कार्य प्रणाली की जानकारी दी गई एवं बताया गया कि आप सहायक व्यक्ति के रूप में पात्रों कोर्ट में जब भी जाएं हुई तैयारी के साथ जाएं और अपने मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरी जानकारी इकट्ठा करें बच्चे के साथ अपना बेहतर तारतम बनाएं और उसके हित में ही बातें करें समस्या तब आती है जब आरोपित भी किशोर होता है ऐसी स्थिति में उसका प्रकरण पाछो कोर्ट में ना चल कर किशोर न्याय बोर्ड मैं सुनवाई होती है किशोर न्याय बोर्ड में नियमानुसार जुवेनाइल घोषित होने पर गंभीर अपराध में 16 साल से 18 वर्ष के बच्चों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराया जाता है और मनोवैज्ञानिक परीक्षण में वह बालक आईक्यू और समझ के बारे में रिपोर्ट आती है रिपोर्ट से प्रदर्शित होता है कि अपराध करते समय बालक को अपराध का ज्ञान था तो ऐसे प्रकरणों को पुनः सामान्य कोर्ट को वापस कर दिया जाता है ऐसे प्रकरण जब आपके पास आएं तो आप उन्हें बालक समझकर व्यवहार ना करें सामान्य आरोपी की तरह ही उनसे व्यवहार किया जाए कार्यक्रम के अंत में जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार द्वारा बताया गया की सहायक व्यक्ति की अवधारणा पासपोर्ट में शुरू से रही है लेकिन अभी सभी प्रकरणों की विशेष निगरानी करते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में कार्रवाई हेतु टाइमलाइन का निर्धारण किया है और सहायक व्यक्ति नामित किए जाने का निर्देश दिया है जिसके तहत सहायक व्यक्ति नामित किए जाने की प्रक्रिया तेज हो गई है अभी तक हमारे विभाग के कार्मिकों को ही हर व्यक्ति नामित किया जाता था परंतु प्रकरणों की ज्यादा क्षति के कारण आप सभी से स्वैच्छिक रूप से शायद व्यक्ति नामित होने हेतु अभिव्यक्ति मांगी गई थी इसमें आप लोगों ने अपना नाम दिया और आज उसी के परिपेक्ष में प्रशिक्षण हो रहा है हर व्यक्ति नाम खोजने में बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी आपके कंधों पर आ जाएगी एक तरफ आपको देखना है कि जो पीड़ित बच्चा है उसे सामान्य स्थितियों में बहाल किया जाए उसे लिए क्या-क्या कार्यवाही की जानी है उसकी शिक्षा बहाल की जानी है उसको चिकित्सा की सुविधा दी जानी है मनोवैज्ञानिक सहायता दी जानी है दूसरी तरफ के मुकदमे की प्रगति भी देखनी है साथ ही प्रकरण की गोपनीयता भी बनाए रखनी है बार-बार पीड़िता से मिलने या उसके घर जाने से कई बार ऐसा हो सकता है कि माहौल अच्छा ना बने तो कोई भी कार्य करने से पहले सोच समझ कर कार्य करें और बालक के सर्वोत्तम ही कार्य किया जाए तो बेहतर होगा अंत में जिला प्रोबेशन द्वारा कार्यक्रम को घोषित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री किशोर न्याय बोर्ड श्री नीरज सिंह बाल कल्याण समिति जौनपुर के अध्यक्ष अशोक मिश्रा एवं अन्य साथी जो वॉलंटरी रूप से इस कार्य से जुड़े रहे हैं उनको बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आशा व्यक्ति निश्चित रूप से हम लोग कार्य करते हुए जनपद में बाल संरक्षण का बेहतर माहौल का स्थापित कर पाएंगे

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