Jaunpur news एआईडीएसओ के द्वारा भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू की शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम व जुलूस

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एआईडीएसओ के द्वारा भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू की शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम व जुलूस आयोजित की गई

Jaunpur news जौनपुर, उ.प्र।
देश के आजादी आंदोलन की गैर समझौतावादी धारा के महान क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम भगतसिंह सुखदेव व राजगुरू की 94 वें शहादत दिवस पर जौनपुर शहर स्थित भगतसिंह पार्क में छात्र संगठन- एआईडीएसओ के तत्वावधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भगतसिंह सुखदेव व राजगुरू की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद विभिन्न स्कूल काॅलेजों के छात्र छात्राओं के द्वारा क्रांतिकारी व देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह व उनके क्रांतिकारी साथियों के शोषण विहीन समाज के सपने को पूरा करने के लिए देश के छात्र नौजवानों को आगे आना होगा। भगतसिंह ने जिस पूंजीवाद साम्राज्यवाद का विरोध करके देश में शोषण विहीन समाज कायम करने का सपना देखा था आज हम उससे कहीं बहुत दूर हैं। रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा व सम्मान जैसी मूलभूत जरूरतों से महरूम होकर करोड़ों लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। जिन छोटे-छोटे नौनिहाल बच्चों को स्कूल जाने, खेलने – कूदने व सीखने और एक अच्छा इंसान बनने के लिए मौका मिलना चाहिए, आज उन्हीं छोटी उम्र के बच्चों को ईंट के भट्टों पर, होटलों, ढाबों और कारखाने में काम करते हुए देखा जाता है। देश में ऐसा ही विकास हुआ है।
आजादी आंदोलन में देश के महापुरुषों ने निःशुल्क, जनवादी, वैज्ञानिक व धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रणाली लागू करने की मांग उठाई थी, लेकिन आज उसके विपरीत शिक्षा नीतियां बनाई जा रही हैं। शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण व सांप्रदायीकरण को बढ़ावा देने वाली नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करके सार्वजनिक शिक्षा को पूरी तरह से बर्बाद किया जा रहा है। सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण करके उसे बिकाऊ वस्तु के रूप में तब्दील किया जा रहा है। देश के करोड़ों लोग बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। युवा बेरोजगार होकर गांव से शहर और शहर से गांव का चक्कर काट कर थक जा रहा है। परिणामस्वरुप, हिंसा व अपराध में लिप्त होकर नशाखोरी, अश्लीलता और अपसंस्कृति का शिकार हो रहा है। आजादी के 77 वर्षों बाद भी छात्राएं – महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। आए दिन रेप, गैंगरेप, हत्या, छेड़छाड़ और घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं।
जनता से वसूले गए टैक्सों से बनी सरकारी संपत्तियों व संस्थाओं को अडानी – अंबानी जैसे पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है। पूंजीपति वर्ग के हित को ही देश हित बताया जा रहा है। इस तरह लोगों के जनवादी अधिकारों, सार्वजनिक संस्थाओं व मानवीय मूल्यों को नष्ट भ्रष्ट किया जा रहा है और फासीवादी तानाशाही देश पर थोपी जा रही है।
जन जीवन की असली समस्याओं- महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा, अपसंस्कृति, अपराध से ध्यान हटाने के लिए जाति-धर्म, क्षेत्र-सम्प्रदाय व भाषा के आधार पर लोगों की एकता को तोड़कर उन्हें आपस में लड़ाया जा रहा है, ताकि देश में बढ़ रहे शोषण-जुल्म व अन्याय-अत्याचार के खिलाफ जनशक्ति के निर्माण को रोका जा सके। सारी समस्याओं की जड़ पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ छात्र नौजवान खड़ा न हो सके, युवा पीढ़ी फिर से क्रांति की ओर न मुड़ सके, इसलिए शासक पूंजीपति वर्ग और सत्ताधारी पार्टियां देश के महान मनीषियों और क्रांतिकारी योद्धाओं की गौरवशाली इतिहास को भुलाने की कोशिश कर रही हैं। यही है देश की असली तस्वीर।
देश की इन विकट परिस्थितियों में 23 मार्च का दिन हमें क्या करने को कहती है ? शहीद-ए-आजम के सपनों के इस नए सामाजिक व्यवस्था को लागू करने के लिए पूंजीवाद विरोधी समाजवादी क्रांति की जरूरत है। साथ ही जरूरत है इस युग के श्रेष्ठ क्रांतिकारी विचारों से लैस हजारों खुदीराम बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, मास्टर दा सूर्यसेन, प्रीतिलता की ; जो जनता को सचेत संगठित और नैतिक ताकत से बलिष्ठ बनाकर क्रांतिकारी संघर्षों में शामिल करवाएंगे। इस काम में लगना ही है महान क्रांतिकारी भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि। इस अवसर पर छात्र संगठन एआईडीएसओ व युवा संगठन एआईडीवाईओ के कार्यकर्ताओं ने भगतसिंह की मूर्ति के ऊपर छाया करने व परिसर के आस पास बेहतर साफ सफाई करने की मांग उठाई। कार्यक्रम के अंत में भगतसिंह पार्क से नगरपालिका टाउन हॉल स्थित चन्द्रशेखर आजाद की मूर्ति तक एक सुसज्जित जूलूस भी निकाला गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता- सन्तोष कुमार प्रजापति (जिला संयोजक AIDSO) तथा संचालन पूनम ने किया। कार्यक्रम को श्री यादवेंद्र (राज्य कार्यालय सचिव, AIDSO), विजयप्रकाश गुप्त (जिला कोषाध्यक्ष, AIDYO) राकेश निषाद, प्रवीण शुक्ल, अशोक कुमार खरवार, अनीता व अन्य ने सम्बोधित किए। इस अवसर पर मीता, खुशबू, रोशनी, नन्दिनी, दीक्षा, जिमी, विवेक, अजय, राज, रवि, श्रीकांत, अवधेश मनोज, देव, इत्यादि मौजूद रहे।

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