September 20, 2024

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कुष्ठ निवारण तिथि के रूप में मनाया गया

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कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए जनपदवासियों ने लिया संकल्प

पुण्यतिथि

-महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कुष्ठ निवारण तिथि के रूप में मनाया गया

-14 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान, कुष्ठ रोग के बारे में दी जाएगी जानकारी

  • दूर की जाएगी कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियां, सामाजिक कलंक को मिटाने के लिए होगा प्रयास

जौनपुर, 30 जनवरी 2022 । महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जिला कुष्ठ कार्यालय में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कुष्ठ निवारण तिथि के रूप में मनाया गया। इस दौरान कुष्ठ प्रभावित लोगों को माइक्रो सेल्युलर रबर (एमसीआर) चप्पलें बांटीं गईं, उन्हें अपने घाव की साफ-सफाई के लिए सेल्फ केयर किट दी गई। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने कम्बल बांटा। 

   सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का संदेश पढ़कर सुनाया। उनके साथ लोगों ने जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने का संकल्प लिया। बताया गया कि कुष्ठ रोग की पहचान बहुत आसान है और साध्य है। कुष्ठ रोगियों को जितनी जल्दी हो सके खोजने का प्रयास करना चाहिए। लोगों ने कुष्ठ प्रभावित लोगों से कोई भेदभाव नहीं करने का भी संकल्प लिया। साथ ही किसी दूसरे व्यक्ति को भी भेदभाव नहीं करने देने, प्रभावित लोगों से जुड़े कलंक और भेदभाव समाप्त करने, उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए पूर्ण योगदान देने की बात कही।

   नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि अभियान के तहत जनपद में 14 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलेगा। इसके तहत जनपद के लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी दी जाएगी और कुष्ठ रोग व उससे ग्रसित मरीजों के बारे में भ्रांतियों को दूर किया जाएगा। कुष्ठ रोग के सामाजिक कलंक को मिटाने का भी प्रयास किया जाएगा। जनपद में 2021 से ही एक्टिंग केस डिटेक्शन एंड रूटीन सर्विलांस अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के लिए 829 टीमें बनाई गईं हैं। प्रत्येक टीम में एक आशा कार्यकर्ता तथा उसके साथ एक पुरुष सहयोगी हैं और इस तरह से 1658 लोग काम कर रहे हैं। यह टीमें घर-घर भ्रमण करती हैं। इस दौरान पुरुष सहयोगी पुरुषों में तथा आशा कार्यकर्ता महिलाओं में देखते हैं कि किसी के चमड़े में दाग के साथ शून्यता तो नहीं है, जिसमें ऐसा दिखता है उसे नजदीकी प्राथमिक (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर भेजते हैं। संदिग्धों को मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट (एमडीटी) दवा दी जाती है। अभियान का उद्देश्य कुष्ठ रोग की शुरुआत में ही पहचान कर मरीज को दवा खिलाने की शुरुआत कर देना है जिससे कि मरीज को विकलांगता से बचाया जा सके। उन्होने बताया कि इस समय नए सिरे से टीम बनाने का प्रयास हो रहा है जिसमें लगभग 450 टीमें बनेंगीं और 900 के लगभग लोग मरीजों को खोजने के अभियान में लगेंगे। अप्रैल 2021 से अब तक 83 कुष्ठ रोगियों का उपचार चल रहा है जबकि इस दौरान 83 कुष्ठ रोगी उपचार कर ठीक भी किए जा चुके हैं।

लक्षण और बचाव: डॉ प्रभात ने बताया कि कुष्ठ रोग की प्रारम्भिक स्थिति में मरीजों में दाग के साथ ही दागवाले स्थान पर शून्यता जैसी स्थिति महसूस होती है। खुजली या दर्द नहीं होता है, त्वचा का रंग हल्का तैलीय हो जाता है। ऐसे लक्षणयुक्त व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराकर तुरंत मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट (एमडीटी) दवा शुरू करा देनी चाहिए।

   कार्यक्रम में कुष्ठ प्रभावित लोगों के जलपान की व्यवस्था की गई। इस मौके पर नान मेडिकल सुपरवाइजर (एनएमएस) अखिलेश चंद यादव, चंद्रशेखर यादव, अखिलेश गुप्ता, कुष्ठ विभाग के वाहन चालक अलीम, अवकाशप्राप्त कर्मचारी फूलचंद के साथ ही विभाग के समस्त कर्मचारी मौजूद रहे। 

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