December 27, 2024

मनोज ने वीडियो में बयां किया दर्द,कहा:ले लो मां,सब ले लो, अलविदा मां..

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मनोज ने वीडियो में बयां किया दर्द,कहा:ले लो मां,सब ले लो, अलविदा मां..

कहा:पत्नी और बच्चों को छोड़कर जाने का दिल नहीं कर रहा,मां व भाई ने दुनिया छोड़ने को कर दिया मजबूर

कहा:मेरी मां ने मेरे ऊपर मुकदमा कर दिया,मेरे भाई ने मुझे प्रताड़ित किया
जौनपुर – हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
मनोज ने सुसाइड के पहले बनाए गए अपने वीडियो में अपना दर्द बयां किया है कहां है कि मुझे बहुत तकलीफ है। तकलीफ इस बात की है कि मेरी मां किसी के कहने में आकर इतना बड़ा कदम उठा ली, मुकदमा कर दी । एक मां अपने बेटे के ऊपर मुकदमा कर दी। जमीन जायदाद के लिए मेरे बड़े भाई इतना गिर जाएंगे मुझे यह पता नहीं था।मुझे भी तीन छोटे-छोटे बच्चे थे। मेरी पत्नी को 8 सालों से बहुत परेशान किया गया। पिछले 5 साल से बियांड द लिमिट परेशान किया किया जा रहा है लेकिन मेरी वाइफ मेरी हिम्मत थी, मेरी ताकत थी। आज उसे इतना इतना परेशान ,इतना परेशान किया जा रहा है कि मुझे मजबूरी में परसों रात को उसे लेकर हटना पड़ा घर से। इधर-उधर कहां जाऊं। तीन बच्चों को लेकर, घर छोड़कर कहां जाऊं। यहां मेरा सब कुछ था। मेरा सब कुछ रह कर भी एकदम लाचार हूं, इतना लाचार शायद मैंने कभी अपने आपको महसूस नहीं किया। आज मेरे पिता मेरे साथ होते, शायद मेरी यह हालात नहीं होती।मेरे पापा, मैं कभी नहीं कहा पापा से कि आप वसीयत लिखिए।पापा अपनी मर्जी से ,अपनी खुशी से कहे कि बेटा तुम ही दो बेटे हो।तुम ही दोनों इस प्रॉपर्टी के मेरे वारिस हो। उन्होंने खुशी-खुशी जाकर अपने मन से वसीयत लिखा। मेरे भाई को जफराबाद से कुछ नहीं चाहिए था था लेकिन आज सब कुछ चाहिए उसको, सब कुछ चाहिए।मेरे भाई के दो बेटे सीधे धमकी देते हैं मेरे तीनों बेटों को जान से मार देंगे। एक कोमल है, जिसे बहुत प्यार करता था, बहुत मानता था। भतीजी को बहुत मानता था। उसकी पढ़ाई के लिए क्या नहीं किया। उसके लिए क्या नहीं किया लेकिन वही कोमल मेरे जीवन में ऐसा नासूर बो दी। मेरी मां को मेरे खिलाफ भड़का के ऐसा जीवन कर दी मेरा, ऐसा जीवन कर दी कि मुझे मजबूरी में मरना पड़ रहा है। मैं अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर नहीं जाना चाहता। मैं अपने बच्चों को बहुत प्यार करता हूं। मैं बहुत दौड़ा काफी लोगों से मिला कि शायद कोई कहकर मां को शांत करा लो, भाई को शांत कर लो लेकिन नहीं, ऐसा कोई कानून नहीं है। जो मन को कुछ बोल सके। अंत में मैं इतना हार मान लिया कि मुझे यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मैं क्या करूं पिछले 6 महीने से बहुत परेशान हो गया हूं। 4 महीने से ना मेरा दुकान में मन लग रहा है न मेरा किसी काम में मन लग रहा है। मैं लोन कराया है। सब कुछ करा के मैं बड़ी मुश्किल से बाउंड्री कराई थी, मैरिज लान खोलने का सपना था लेकिन मेरा सपना चूर-चूर हो गया। वो जमीन में मैंने बाउंड्री क्या कराई,अपने लिए कब्र खोद दी।मेरी मां को किसी ने कह दिया कि वह करोड़ों रुपए की संपत्ति है।उसका मैं अकेले वारिस हो गया हूं। मेरी मां को पैसा, रूपया, धन ,दौलत से बढ़कर कुछ नहीं है। मेरी वाइफ की सारी गहने उन्होंने ले लिया मैंने कभी नहीं कहा कि मम्मी मुझे दे दो। मेरी वाइफ बिना गहना के 8 साल मेरे साथ बिताई जबकि उसे गहने का बहुत शौक था। क्या करूं मैं इस परिवार के लिए करते-करते आज इस हालात में आ गया हूं। अपनी वाइफ के लिए कुछ भी नहीं कर पाया।अफसोस इसी बात का है कि कि मैं अपनी वाइफ के लिए कुछ भी नहीं कर पाया। मेरी वाइफ दिल की बहुत अच्छी है लेकिन मेरी मां उसके ऊपर इतना लांछन लगाई, इतना लांछन लगाई लेकिन उसने बर्दाश्त किया। कुछ नहीं बोली, कुछ नहीं बोली, आज भी कुछ नहीं बोलती ,खुशी खुशी रहती है‌।आज भी मैं उसको समझा रहा था मैं ऐसा कोई कदम उठा लूंगा तो मुझे समझा रही है किसलिए हार रहे हो।हारना नहीं है आपको जीतना है। आप हार क्यों मान रहे हो।अपने बड़े भाई से हार मान गए।वो तुमको हराना चाहते हैं। यहां हार जीत की बात नहीं है।बड़े भाई पर क्या कहूं, अपने बड़े भाई को, जो कि अपने बच्चों को नहीं शिक्षा दे पाए। अपनी पहली पत्नी को नहीं संभाल पाए। उन्होंने भी अपने जीवन में कुछ नहीं किया, सिवाय मुझे परेशान करने के। किसी न किसी रास्ते से, किसी ने किसी कारण से हमेशा मुझे परेशान किया। हमेशा परेशान किया। मेरी मां मुझसे इतनी नफरत करती है मुझे यह कभी नहीं उम्मीद था।

4 मिनट 16 सेकंड के दूसरे वीडियो में फांसी के फंदे को दिखाते हुए वीडियो में कहा बहुत कोशिश किया नैंसी, कई बार जाकर लटकने की कोशिश किया लेकिन अपने आपको लटका नहीं पा रहा हूं लेकिन लास्ट बार तुम्हें फोन किया सोचा तुमसे बात कर लूं ।बच्चों की बहुत याद आ रही है। अच्छे ढंग से सो जाओ।अपना ख्याल रखना। बच्चों का ख्याल रखना। मेरे दोस्त लोग मेरे परिवार का ख्याल रखना। 8 दिसंबर शादी का, 24 दिसंबर मरने का, 28 दिसंबर को मेरा जन्मदिन है। सब अच्छा है। बाय, इस दुनिया से बाय। ख्याल रखना बच्चों। मां की सेवा करना नैंसी। तुम मेरी मां की तरह न बनना। मेरे बच्चों के साथ ऐसा न करना। मेरी मां जो अपने बच्चों के साथ की तुम ऐसा न करना। मेरी मां के लिए पैसा ही सब कुछ है। ले लो मां, सब ले लो मेरा और मेरे बच्चों के लिए छोड़ देना। मां तुम तो मेरा भी लेना चाहती हो, मां मेरे भाई को देने के लिए, एक भाई का जिंदगी एक भाई को देने के लिए।क्यों मां मैंने ऐसा क्या किया आपके साथ। मैंने ऐसा क्या किया आपके साथ में जो मुझसे इतनी नफरत करती हो। मेरे बच्चों से इतनी नफरत,मैं और मेरी पत्नी ने बड़ी ईमानदारी से तुम्हारी सेवा की है मां लेकिन तुम्हें एहसास नहीं हुआ।शायद मेरे न रहने के बाद एहसास हो। आपको अलविदा मां ,अपना ख्याल रखना। आज मुझे इस दुनिया को अपने बच्चों को छोड़कर जाने के लिए आपने मुझे मजबूर किया। मेरे भाई ने मुझे मजबूर किया ।मेरी भतीजी क्या कहूं उसके लिए मैंने क्या नहीं किया। मेरे न रहने के बाद मेरी जो भी संपत्ति हो मेरी पत्नी को दे दीजिए। अब तो मैं मर जा रहा हूं न अब तो आपको मुझसे कोई शिकायत नहीं है न आप चाहती हैं कि मैं मर जाऊं तो मैं मर जाता हूं।

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