September 21, 2024

मदरसा दारूल इरफान, बोदकरपुर, जौनपुर में ‘काकोरी ट्रेन एक्शन दिवस’ मनाया गया

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जौनपुर। नगर क्षेत्र स्थिति मदरसा दारूल इरफान, बोदकरपुर, जौनपुर में ‘काकोरी ट्रेन एक्शन दिवस’ मनाया गया । इस अवसर पर मदरसा के छात्र – छात्राओं ने रंगोली बनाया । रंगोली के बाद निबंध लेखन प्रतियोगिता हुई।प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
‘काकोरी ट्रेन एक्शन दिवस’ मदरसा के प्रिंसिपल मौलाना मुर्तजा हसन मदनी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में समीउल्लाह फलाही ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े क्रांतिकारियों की भूमिका के बारे में बताया।उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में अलग-अलग क्षेत्र के लोग जुड़े थे लेकिन उनका मुख्य ध्येय भारत की स्वाधीनता थी।
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता अल्ताफ-उर-रहमान सलफी ने इस घटना के महत्व को बताया । उन्होंने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना ने अंग्रेजों को भारतीयों को अधिकार देने के संदर्भ में विचार करने पर विवश किया ।
मदरसा के सेकेंडरी अरबी प्रथम वर्ष के छात्र मो0 शाहनवाज ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत की स्वाधीनता के संग्राम में काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। 8 अगस्त, 1925 को शाहजहांपुर में राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ के घर पर हुई एक इमर्जेन्सी मीटिंग में निर्णय कर योजना बनी। 9अगस्त, 1925 को आठ डाउन सहारनपुर लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को काकोरी स्टेशन पर जंजीर खींचकर रोककर राम प्रसाद बिस्मिल ने अपने 9 अन्य सहयोगियों के साथ सरकारी खजाने को लूट लिया। बाद में अंग्रेजी सत्ता उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल 40 क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व यात्रियों की हत्या करने का प्रकरण बाद में अंग्रेजी सत्ता उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के कुल 40 क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व यात्रियों की हत्या करने का प्रकरण चलाया जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को फाँसी की सजा सुनायी गयी। इस प्रकरण में 16 अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम 4 वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास तक का दण्ड दिया गया था।
इसी प्रकार और लोगो ने अपने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन हाफिज नुरुल हुदा ने किया।
इस अवसर पर सरफराज, आरिफ अंसारी, शमशाद, शाहीन आरा, अब्दुल्ला , मास्टर मो0 अकबर, अब्दुर्रहीम आदि के साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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