राज शेखावत के साथ घिनौनी हरकत से आक्रोशित राजपूत समाज
राज शेखावत के साथ घिनौनी हरकत से आक्रोशित राजपूत समाज
गौराबादशाहपुर,जौनपुर।
हिंदुस्तान पर जब जब बाह्य आकांताओं का आक्रमण हुआ तब तक क्षत्रियों ने अपने देश की रक्षा के लिए बगैर परिवार की चिंता किए अपने प्राणों को बलि बेदी पर चढ़ा दिया,अपनी तमाम राज रियासतों को देश हित में दान कर दिया, मगर राजपूतों के साथ एक के बाद एक हो रही निंदनीय घटनाओं से आहत होकर ठाकुर आद्या प्रसाद सिंह के मार्गदर्शन एवं डॉ जयसिंह राजपूत के नेतृत्व में एक आकस्मिक बैठक आयोजिन की गयी,जिसमें डॉ राजपूत ने अपने संबोधन में कहा कि चाहे मुगलों का शासन रहा हो या अंग्रेजों का शासन रहा हो,देश की आजादी के लिए अधिकतर राजपूतों ने ही अपना खून बहाया है,तमाम वीरांगना क्षत्राणियों ने इस लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई हैं,सम्राट पृथ्वीराज चौहान एवं महाराणा प्रताप जैसे तमाम योद्धाओं ने घास की रोटियां खाना पसंद किया मगर उनकी दास्तां को स्वीकार नहीं किया,मगर आज अपने ही देश में उन महापुरुषों के वंशजों जैसे डॉ राजसिंह शेखावत,स्व सुखदेव सिंह गोगामेड़ी आदि लोगों के साथ जो कायरतापूर्ण हरकत की जा रही है यह अत्यंत ही निंदनीय है,इसको अब राजपूत समाज कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगा,इसी कड़ी में ठा.आद्या प्रसाद सिंह ने कहा कि क्षत्रिय ब्रह्मांड नायक होता है,अगर वह सीमा पर सर कटाना जानता है तो दिल्ली पर राज भी करना जानता है,समय रहते यदि सरकारें संज्ञान नहीं लेती हैं तो आने वाला समय भयावह हो सकता है,जिसने भी राजसिंह शेखावत की पगड़ी पर हाथ लगाया है उसे शिघ्रातिशीघ्र कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए अन्यथा अब पूरे देश में इसके खिलाफ आंदोलन होगा, जिसका खामियाजा आने वाले समय में सरकार को भुगतना पड़ सकता है,इस अवसर पर प्रमोद सिंह राजपूत चिरैयाडिह, जितेंद्र बहादुर सिंह मुरादगंज, रतन सिंह परमार,अरुण कुमार शुक्ला,आशीष सिंह चौहान हौज आदि लोग उपस्थित रहे।