अपहरण करके दुष्कर्म के आरोपी को 7 वर्ष की सजा
अपहरण करके दुष्कर्म के आरोपी को 7 वर्ष की सजा
जौनपुर अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम शरद कुमार त्रिपाठी ने पंवारा क्षेत्र में 16 वर्षीय छात्र को बहला फुसला कर अपहरण करने तथा दुष्कर्म करने के दोषी शैलेंद्र कुमार को 7 वर्ष की सजा एवं 58,000 अर्थदंड से दंडित किया।
घटना की प्राथमिकी पीड़िता के पिता ने थाना पंवारा में दर्ज कराई थी।
अभियोजन के अनुसार पीड़िता कक्षा 12 में पढ़ती थी। शैलेंद्र पीड़िता को बहला फुसलाकर भगाने की बात फोन पर करता था। पीड़िता के बताने पर घर वालों ने दोनों को डांट फटकार कर गलत काम करने से मना किया। 13 अक्टूबर 2012 को पीड़िता कॉलेज पढ़ने गई तब शैलेंद्र उसे बहला फुसलाकर अगवा कर ले गया। वह उसे दिल्ली ले जाकर एक कमरे में रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। करीब डेढ़ महीने बाद शैलेंद्र के पिता आए और पीड़िता को इलाहाबाद लेकर गए। वहीं उसे बरगलाकर आर्य समाज मंदिर में शैलेंद्र से शादी कर दिया। विवेचक ने 8 दिसंबर 2012 को पीड़िता को बरामद किया। पुलिस ने विवेचना करके कोर्ट में केस डायरी दाखिल की। शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल एवं ज्ञानेंद्र यादव ने गवाहों को परीक्षित कराया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद शैलेंद्र को अपहरण व दुष्कर्म का दोषी पाते हुए सजा सुनाया।