आफत नहीं अब आय का जरिया बनेगी पराली

प्रयागराज , 2 मार्च : प्रयागराज में गेहूं और धान के फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण की समस्या से अब शीघ्र ही छुटकारा मिलने जा रहा है । योगी सरकार की प्रेरणा से जिले के नैनी इलाके में पराली प्रबंधन के लिए एक प्लांट का निर्माण हो रहा है जिसमे किसान अपने फसलों के अवशेष यानी पराली को बेंच कर उससे अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे ।
धान और गेहूं के फसल अवशेष बनेगे आय का जरिया: पराली प्रबंधन में प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के बेहतर विकल्प कराये हैं जिसकी वजह से देश में पराली प्रबंधन में यूपी देश के दो अव्वल राज्यों में शामिल हो गया है । सरकार के इसी प्रयास से प्रोत्साहित होकर प्रयागराज में पराली से बायो गैस बनाने का प्लांट लग रहा है जिससे वायु प्रदुषण की समस्या से छुटकारा मिलने के साथ किसानो को फसल अवशेष से अतिरिक्त आय भी हो सकेगी । प्रयागराज में बायो फ्यूल समिति के संयोजक सचिव विनोद कुमार के मुताबिक़ जिले के नैनी इलाके में रिलायंस इंडस्ट्रीज इसके लिए एक प्लांट लगा रही है जिसमे पराली से कंप्रेस्ड बायो गैस बनाई जायेगी । इस प्लांट की प्रतिदिन की क्षमता 60 मीट्रिक टन की है । इसके लिए पराली यहाँ के किसानो से खरीदी जायेगी जिससे किसानो को भी अतिरिक्त आय हो सकेगी अक्तूबर महीने तक यह प्लांट तैयार हो जाएगा और तब किसान इसमे अपने फसलों के अवशेष यहाँ बेच सकेंगे ।
प्लांट,किसान और एफपीओ के बीच होगा समझौता:
प्रयागराज में धान और गेहूं के फसल अवशेष पराली के मुख्य संगठक हैं । बायो फ्यूल समिति के संयोजक सचिव विनोद कुमार बताते हैं कि जिले में अकेले धान से 5 लाख मीट्रिक टन पराली एक सीजन में होती है । इसके अलावा सात 3 लाख मीट्रिक टन पराली गेहूं के फ़सल अवशेष से आती है । मशीनीकरण का दौर आने के पहले यह पराली पशुपालक अपने पशुओ को खिलाते थे जहां इसकी खपत हो जाती थी लेकिन अब गांवों में भी मशीनों के आने से पशुओं की सख्या बहुत कम रह गयी है जिससे किसान इसे खेतो में जलाने लगे जिससे वायु प्रदूषण में तेजी आई है । लेकिन अब नए प्लांट के लगने से इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा । प्रदेश के 13 जिलों में यह प्लांट लगने हैं जिसमे उन्हें जमीन अभी सरकार से मिलनी है लेकिन प्रयागराज में रिलायंस इंडस्ट्रीज की अपनी जमीन है जिससे यहाँ सबसे पहले यह प्लांट काम करना शुरू करेगा । अक्तूबर 2023 में यह प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा ।

