प्रसिद्ध कवि व रचनाकार प. ओंकार नाथ शुक्ल का निधन
केराकत।
प्रतिष्ठित कवि व रचनाकार ओंकार नाथ शुक्ल का रविवार को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह बीते कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। ओंकार नाथ मुंबई स्थित भायंदर ईस्ट में अपने पुत्र और परिवार के साथ रह रहे थे। उनके निधन की जानकारी उनके बड़े भतीजे ओम प्रकाश शुक्ल द्वारा प्राप्त हुई।
जौनपुर जनपद के केराकत तहसील क्षेत्र स्थित बेहड़ा गांव के जमीदार घराने में जन्मे ओंकार नाथ शुक्ल मुंबई में अपनी पत्नी, पुत्र और पुत्रवधु के साथ गत कई वर्षों से रह रहे थे। पिछले दो वर्षों से उन्होंने अपनी कलम को विराम दे दिया था। रविवार दोपहर को हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। इसकी जानकारी मिलने पर उनके परिजनों समेत पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। ओंकार नाथ ने अपनी लॉ की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद ही साहित्य क्षेत्र में कदम रख दिया था। बड़े और जमींदार घराने के होने के कारण उन्होंने कभी नौकरी या व्यापार की तरफ रुख नही किया। गांव में कई वर्षों तक नाट्य कार्यक्रम, कवि सम्मेलन इनके द्वारा संपादित किया गया। दो वर्ष पूर्व तक उन्होंने अपने लेखन को जारी रखा। उनकी कलम हर विषय पर चली, चाहे वह राजनीति, समाज, साहित्य हो या भाषा हो। काव्य लेखन में उनकी लेखनी का जोड़ नहीं था। उनके चाहने वाले उनकी नवीन कृतियों को पढ़ने के लिए हमेशा ही लालायित रहते थे, उसे पढ़ ऐसा लगता था कि मानो सबकुछ आंखों के सामने तैर रहा हो। अपना सौम्य जीवनकाल पूर्ण करने के बाद उन्होंने रविवार दोपहर को दुनिया को अलविदा कह दिया। ओमकार नाथ शुक्ला अपने पीछे पांच पुत्री व एक पुत्र कवि व अध्यक्ष हिंदी विभाग महर्षि दयानंद कालेज मुम्बई पंडित उमेश चन्द्र शुक्ल सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
