November 18, 2025

जिले में मनाया गया एकीकृत निक्षय दिवस,ओपीडी में 537 मरीजों के बलगम की हुई जांच

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  • हेल्थ वेलनेस सेंटर, जिला अस्पताल सहित 320 स्वास्थ्य इकाइयों पर हुआ आयोजन
  • एचआईवी और शुगर की भी हुई जांच
  • आशाओं ने मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों तक लाने की निभाई जिम्मेदारी
    जौनपुर, 16 फरवरी 2023 ।
    बहादुरपुर सिरकोनी निवासी महिमा यादव (47) की आठ से दस दिन से सांस फूल रही थी और खांसी आ रही थी। उन्होंने बाजार से दवा और सीरप लिया लेकिन उससे आराम नहीं हुआ। थोड़ा भी चलने तथा खांसी की वजह से उनकी सांस फूल रही है। बुधवार को उन्होंने जिला क्षय रोग चिकित्सालय में दिखाया तो उन्हें एक डिब्बी मिली है। उनके पति रमेश चंद्र यादव ने बताया कि इसमें वह अपना बलगम रखकर टीबी हास्पिटल में जमा करेंगी। वहीं लाइन निवासी रामराज की बेटी अंशिका (11) को दो दिन पहले मुंह से ब्लड आ गया। उसके पिता रामराज ने बुधवार को उसे टीबी चिकित्सालय दिखाया। वहां पर उसे बलगम लाने के लिए डिब्बी मिली। अगले दिन उसमें वह बलगम रखकर फिर से टीबी हास्पिटल में जांच के लिए ले जाएंगी।
    इसी तरह से एकीकृत निक्षय दिवस पर बुधवार को जनपद की सभी 320 स्वास्थ्य इकाइयों पर बुधवार को वाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आए कुल 6,765 मरीजों में से 537 मरीजों के बलगम की जांच की गई। इसके माध्यम से आठ नए क्षयरोगियों की पहचान हुई। जिन स्वास्थ्य इकाइयों पर निक्षय दिवस मनाया गया उनमें 22 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), 84 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), शहरी क्षेत्र के तीन पीएचसी, 209 हेल्थ वेलनेस केंद्र, जिला महिला तथा जिला पुरुष चिकित्सालय, लीलावती महिला चिकित्सालय, टीबी हास्पिटल शामिल थे| इसके लिए सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मरीजों के बलगम रखने के लिए स्थान निर्धारित कर बलगम कार्नर भी बनाए गए थे। बलगम रेफरल से पहले प्रत्येक केंद्र पर संभावित क्षयरोगियों के एचआईवी और शुगर की भी जांच की गई। आशा कार्यकर्ताओं ने मरीजों को सूचित कर उन्हें स्वास्थ्य इकाइयों तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    जिला क्षयरोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ राकेश कुमार सिंह ने एक दिन पूर्व ही निक्षय दिवस मनाए जाने की तैयारियों के बारे में एसटीएस और एसटीएल एस के साथ चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए थे। साथ ही एक बैठक कर बलगम ट्रांसपोर्टरों को उनकी जिम्मेदारियां समझा दी गईं थीं।
    राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) सलिल यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में वर्ष 2022 तक कुल 7,473 क्षय रोगियों का पंजीकरण हुआ है। इसमें 6,162 सरकारी अस्पतालों के हैं जबकि 1,311 निजी अस्पतालों के हैं। 2023 में अब तक 724 नए क्षयरोगी खोजे जा चुके हैं। डायरेक्ट बेनीफिसियरी ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए वर्ष 2022 में 2.01 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है तथा 2023 में फरवरी तक 28.5 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य स्तर के निर्देश के तहत पब्लिक सेक्टर के अस्पतालों/डॉक्टरों से 6,000 तथा प्राइवेट के डॉक्टरों/अस्पतालों से 2500 क्षयरोगियों को खोजने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एनटीईपी की टीमें निजी क्षेत्र के अस्पतालों/डॉक्टरों से नोटीफिकेशन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। क्षयरोग में सबसे जरूरी बलगम की जांच कराना है। बलगम की जांच में क्षय रोग का पता चलने पर समझना चाहिए कि क्षयरोग है। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के इलाज के दौरान सरकार 500 रुपए पोषण भत्ता के रूप में देती है।
    उन्होंने बताया कि 20 फरवरी से पांच मार्च के बीच दो चरणों में सक्रिय क्षयरोगी खोज अभियान (एसीएफ) चलेगा। पहले चरण में 20 से 24 फरवरी तक वृद्धाश्रम, कारागार, नवोदय विद्यालय, मदरसों आदि में क्षयरोगी खोजें जाएंगे। 25 फरवरी से पांच मार्च तक पेड अभियान चलेगा। इसमें वही लोग भाग लेंगे जिनकी ड्यूटी लगेगी। इसके लिए उन्हें मानदेय मिलेगा। अभियान के दौरान 435 टीमें हर दिन 55 घरों का भ्रमण कर क्षयरोगियों को खोजेंगी।

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