September 19, 2024

आचार्य कौटिल्य संघर्ष समिति विधान सभा शाहगंज द्वारा प.दीन दयाल उपाध्याय सभागार में वैचारिक संगोष्ठी

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शाहगंज , जौनपुर, ब्राह्मण सनातन धर्म का रक्षक होता है सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए वह सतत प्रयत्नशील रहता है वह समाज का पथ प्रदर्शक भी है उसे संगठित होने की आवश्यकता है बिखराव से उसका बलक्षीण हो जाएगा ।और वह अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पाएगा। उक्त बातें आचार्य कौटिल्य संघर्ष समिति जौनपुर के बैनर तले शाहगंज विधानसभा क्षेत्र के ब्राह्मणों को प. दीन दयाल उपाध्याय सभागार शाहगंज में उत्तर प्रदेश की राजनीति में ब्राह्मण समाज की भूमिका के विषय पर बोलते हुए समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सुशील कुमार उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा। उन्होंने कहा कि आदिकाल से लोगों के जनकल्याण हेतु ब्राह्मण अपना त्याग करता रहा है। महर्षि दधीचि ने जन कल्याण के लिए अपनी हड्डी देकर अपना प्राण त्याग दिया आचार्य कौटिल्य सड़क पर पड़े व्यक्ति को उठाकर मगध का राजा बना दिया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए ब्राह्मण आगे आएं और संगठित हो बिखरे ना ।इसके पूर्व में डॉ. अनिल उपाध्याय , डॉ. जे पी दुबे , माता प्रसाद मिश्रा, रविन्द्र मिश्र, सुभाष शुक्ल, ह्रदय नारायण शुक्ला , विजय बहादुर पाठक , रविन्द्र मिश्रा , मंगलेश्वर त्रिपाठी , दुर्ग विजय मिश्र मुन्ना, यादवेंद्र मिश्र , आदि ने अपने संबोधन में कहा कि ब्राह्मण समाज समाज का दर्पण होता है वह किसी को सत्तासीन कर सकता है और उसे हटा भी सकता है वह ताकत ब्राह्मणों में है। उदाहरण देते हुए लोगों ने कहा कि सपा की सरकार बनाई गई बसपा की सरकार बनाई गई और दोनों को हटाई गई ।।वक्ताओं ने कहा ब्राह्मण समाज तभी अपना गौरव प्राप्त कर सकता है जब वह संगठित होकर चलेगा कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ राजकुमार मिश्रा , संचालन विजय प्रकाश तिवारी उर्फ साधु , आभार प्रदर्शन में मनोज पाण्डेय ने किया। । सभी उपस्थित ब्राह्मणों को अंगवस्त्रम देकर उनका सम्मान किया गया । इस अवसर पर ओ पी मिश्रा आनंद पाण्डेय , सन्तोष पाण्डेय, सुषमा पाण्डेय, अदिति पाण्डेय, देवकी पाण्डेय, खुशबू पाण्डेय, राम प्रकाश पाण्डेय, राम प्रकाश दुबे ,ब्रह्मचारी दुबे, संजय पाण्डेय, ओ पी मिश्रा, गुड्डू मिश्रा, उयद नारायन पाठक, आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वैचारिक संगोष्ठी का प्रारम्भ समिति के अध्यक्ष और मंच पर उपस्थित जनों के द्वारा भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प एवं दीपप्रज्वलन कर किया गया ।

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