गिरफ्तारी वारंट पर काग्रेस नेता चंचल सिंह कोर्ट में हाजिर,निजी मुचलके पर छूटे
मामला 39 वर्ष पूर्व आईएएस अधिकारी के निरीक्षण के दौरान सरकारी कार्य में में बाधा पहुंचाने का
4 वर्ष पूर्व वारंट जारी होने पर भेजे गए थे,जेल जॉर्ज फर्नांडिस के रहे सलाहकार
जौनपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लगातार लिखने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता और बीएचयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष चंचल सिंह बुधवार को एसीजे प्रथम कोर्ट में हाजिर हुए। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था। उन्होंने अपने अधिवक्ता दुष्यंत सिंह व अवधेश सिंह के माध्यम से वारंट रीकॉल करने का प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट ने ₹20000 के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर तिथि नियत की है। चंचल सिंह पुराने समाजवादी चिंतक और अव्यवस्था के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद करने वाले नेता रहे हैं।
घटना 2 मार्च 1982 की है।चंचल जनपद के अपने पैतृक आवास महाराजगंज के ब्लॉक मुख्यालय पर कुछ लोगों के साथ बैठकर चाय पी रहे थे।इस दौरान उनके पुराने परिचित भारत यादव जा पहुंचे।भारत सीमेंट का परमिट न मिलने से परेशान थे।परमिट देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास था।इसी दौरान उस समय के जिलाधिकारी टीडी गौड़ विकासखंड का मुआयना करने जा पहुंचे।जानकारी के मुताबिक चंचल के साथ मौजूद भारत ने कलेक्टर से 4 बोरी सीमेंट के लिए अनुरोध किया इसको लेकर कुछ विवाद हो गया और चंचल व डीएम के बीच तल्ख लहजे में बहस हो गई।चंचल की मानें तो इस मामले में समझौता भी हो गया था। टीडी गढ़ ने एफ आई आर दर्ज कराया कि वह विकास खंड अधिकारी महाराजगंज के कार्यालय का निरीक्षण कर रहे थे। चंचलसिंह बिना किसी आज्ञा के कार्यालय में घुस गए।अधिकारियों से बाताकही की और सवा घंटे तक सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी का अपमान किया। मामले में पुलिस ने विवेचना कर 13 अप्रैल 1982 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। बाद में उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ। 8 नवंबर 2017 को पुलिस ने चंचल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया था। 16 दिसंबर 2017 को चंचल के खिलाफ आरोप तय हुआ।बीच में कोरोना काल में हाजिर न होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया था।वह कोर्ट में हाजिर होकर वारंट निरस्त कराए।