हिन्दी भवन में डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम सेल्फ स्टडी सेंटर एवं लाइब्रेरी के उद्घाटन समारोह

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हिन्दी भवन में डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम सेल्फ स्टडी सेंटर एवं लाइब्रेरी के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने लाइब्रेरी का उद्घाटन करते हुए डा0 कलाम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलाम का नाम ही अपने आप में एक ऐसी दिव्य शक्ति का संकेत करता है जो किसी भी व्यक्ति को अपने देश के लिए समर्पण और त्याग का पाठ पढ़ाता है । उन्होंने कलाम के नाम पर स्थापित लाइब्रेरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस लाइब्रेरी की दीवारों पर कलाम के विचार और चित्र यहां अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन करने के लिए उनके अंदर आत्मविश्वास एवं प्रेरणा भरने के काम करेंगे साथ ही साथ में कलाम मंच के संस्थापक सदस्यों को बधाई एवं साधुवाद दिया ।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए सभाजीत प्रखर ने जिलाधिकारी महोदय को हिंदी भवन के इतिहास से अवगत कराया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ अब्दुल कादिर खान ने कहा कि कलाम के विचारों की झलक हम जिलाधिकारी महोदय के अंदर देखते हैं । उनकी सहजता , सरलता कहीं न कहीं कलाम के विचारों से प्रेरित दिखाई पड़ती है।
उन्होंने डा 0 कलाम को भारत का आधुनिक निर्माता बताया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ हसीन खान ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज देश को कलाम के विचारों की बहुत आवश्यकता है और देश के हर युवा के अंदर उनके विचारों की छाप नितांत आवश्यक है साथ ही साथ उन्होंने कलाम के जीवन के कुछ अंशों का उल्लेख करते हुए प्रतियोगी छात्रों का मनोबल बढ़ाया । कलाम पर अपने वक्तव्य में उन्होंने दो पंक्तियों के साथ अपनी बात को समाप्त किया
” वतन के बच्चों को नफरत की पुस्तकें न पढ़ाओ,
कि इन फरिश्तों को अब्दुल कलाम होना हैं “
कार्यक्रम की अगली कड़ी में विशिष्ट अतिथि डॉ राकेश यादव ने नदी के इस पार छात्र छात्राओं को लाइब्रेरी की सुविधा देने के लिए पूरे कलाम मंच को बधाई दी।
इस अवसर पर जितेंद्र यादव, डॉ राकेश कुमार बिंद, अनुराग सिंह, डॉ शालिनी सिंह, डॉ ममता सिंह , शिवबचन, संदीप , रूपेश शरद, अंतरिक्ष राय आदि उपस्थित रहे । डॉ देवेंद्र पांडेय द्वारा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया । कार्यक्रम का संचालन डॉ अजय विक्रम सिंह द्वारा किया गया ।

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