Jaunpur news पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शिक्षक संगठन का कैंडल मार्च, शहीद डॉ. रामाशीष सिंह को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शिक्षक संगठन का कैंडल मार्च, शहीद डॉ. रामाशीष सिंह को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि
जौनपुर। शहीद पेंशन वीर डॉ. रामाशीष सिंह की शहादत दिवस पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (नवीन) के आह्वान पर पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। जौनपुर इकाई द्वारा बी.आर.पी. इंटर कॉलेज परिसर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई, जिसकी अगुवाई जिलाध्यक्ष राज केसर यादव ने की। भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शिक्षक समाज रोडवेज तिराहे से कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित क्रांति स्तंभ तक कैंडल मार्च निकालते हुए पहुँचा।
कलेक्ट्रेट में शिक्षक प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। प्रांतीय अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा देना आवश्यक है, जिसके लिए पुरानी पेंशन बहाल करना ही एकमात्र समाधान है। उन्होंने शिक्षण व्यवस्था में निजीकरण का विरोध करते हुए विद्यालयों के राजकीयकरण, पदोन्नति संबंधी धारा-12, कार्यवाहक प्रधानाचार्य की सेवा शर्तों से जुड़ी धारा-18 और शिक्षकों की सेवा सुरक्षा वाली धारा-21 को नए आयोग 2023 में पुनः शामिल करने की मांग की। साथ ही प्रधानाचार्यों एवं संस्कृत–मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति लिखित परीक्षा से कराने तथा कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू करने की बात भी उठाई।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. चंद्र सेन ने कहा कि सरकार पेंशन को भार बताती है लेकिन दूसरी ओर सांसद–विधायक बहु-पेंशन लेकर लाखों रुपये प्रतिमाह प्राप्त कर रहे हैं। जिला उपाध्यक्ष हौशिला प्रसाद पाल ने कहा कि शिक्षकों पर ‘जुए आधारित’ NPS थोप दी गई है जबकि नीति–निर्माता स्वयं इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। जिला कोषाध्यक्ष रामनारायण बिन्द ने पूछा कि “एक देश–एक विधान” की बात करने वाली सरकार पेंशन में दोहरी–तिहरी व्यवस्था क्यों रख रही है?
संगठन मंत्री अनिल कुमार कनौजिया ने कहा कि 1 अप्रैल 2025 से प्रस्तावित UPS भी स्वीकार्य नहीं है। प्रदेश मंत्री कमलनयन ने स्पष्ट कहा—“शिक्षक समाज को न NPS चाहिए, न UPS, केवल OPS यानी पुरानी पेंशन ही चाहिए।” जिला संरक्षक डॉ. सुनील कान्त तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन का कोई विकल्प नहीं हो सकता और शिक्षक समाज इसे पाने तक संघर्ष जारी रखेगा।
कार्यक्रम में रितेश कुमार, विनय कुमार गुप्त, नरेंद्र सरोज, छोटे लाल यादव, राम केवल यादव सहित अनेक शिक्षक नेताओं ने कहा कि शहीद डॉ. रामाशीष सिंह के बलिदान की सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब सरकार पुरानी पेंशन बहाल करेगी।
पेंशनर्स संगठन के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि शिक्षकों की उपेक्षा लंबे समय तक संभव नहीं—सरकार को OPS बहाल करनी ही होगी।
कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए जिनमें विजय प्रकाश गौतम, शैलेंद्र कुमार, डॉ. नागेंद्र प्रसाद यादव, जितेंद्र कुमार यादव, अर्जुन यादव, दीपक मौर्य, विनोद पाल, सत्यप्रकाश यादव, राकेश कुमार, सिद्धार्थ यादव, मनोज चौहान समेत अन्य शिक्षक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
सभी शिक्षकों ने “पेंशन पुरुष” के सपनों को साकार करने और पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया।
