Jaunpur news उत्तर प्रदेश को हरित व कौशल क्रांति का अगुआ बनाने हेतु मुख्यमंत्री से मिले कृपाशंकर सिंह,

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उत्तर प्रदेश को हरित व कौशल क्रांति का अगुआ बनाने हेतु मुख्यमंत्री से मिले कृपाशंकर सिंह, किसानों के लिए रखा अनुदानित हार्वेस्टर योजना का प्रस्ताव

Jaunpur news जौनपुर। उत्तर प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि लागत घटाने के उद्देश्य से पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर एक विशेष मॉडल प्रस्तुत किया। इस मॉडल के तहत पंचायत स्तर पर सरकारी अनुदानित हार्वेस्टर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया, जिससे राज्य में हरित और कौशल क्रांति को गति दी जा सके।

कृपाशंकर सिंह ने बताया कि यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “किसानों की आय दोगुनी करने” के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उनके अनुसार, यदि प्रदेश सरकार पंचायत स्तर पर सब्सिडी आधारित कंबाइन हार्वेस्टर उपलब्ध कराती है, तो किसान बेहद कम शुल्क पर इनका उपयोग कर सकेंगे। इन मशीनों का संचालन स्थानीय पंचायतों या किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के माध्यम से किया जा सकता है, जिससे पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होगी।

किसानों को होने वाले प्रमुख लाभ:

1. उत्पादन लागत में उल्लेखनीय कमी:
वर्तमान में एक बीघा फसल की कटाई निजी हार्वेस्टर से ₹1200 में होती है, जबकि ईंधन खर्च ₹200 आता है। यदि सरकार ₹400 नाममात्र शुल्क पर सेवा देती है, तो किसान को ₹800 तक की बचत हो सकती है।

2. समय पर फसल कटाई:
स्थानीय स्तर पर हार्वेस्टर उपलब्ध होने से कटाई समय से होगी, जिससे मौसम की मार और श्रमिकों की कमी से फसल नुकसान की आशंका कम होगी।

3. किसानों के मुनाफे में वृद्धि:
महंगे निजी साधनों पर निर्भरता घटने से प्रति एकड़ शुद्ध लाभ में बढ़ोतरी होगी।

4. ग्रामीण रोजगार और कौशल विकास:
स्थानीय युवाओं को मशीन संचालन और मरम्मत का प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं।

5. प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप योजना:
यह मॉडल प्रधानमंत्री के किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में योगदान देगा।

6. पर्यावरणीय लाभ:
सटीक और आधुनिक कटाई से अपव्यय कम होगा और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा।

दीर्घकालीन प्रभाव:

इस मॉडल से किसानों की लागत घटेगी और वे बेहतर बीज, उर्वरक तथा तकनीकों में निवेश कर सकेंगे। इससे उत्पादन, आय और जीवन स्तर में सुधार होगा और कृषि एक लाभकारी व्यवसाय बन सकेगी।


प्रस्तावित कार्यान्वयन मॉडल:

  • प्रत्येक पंचायत में एक हार्वेस्टर की शुरुआत।
  • संचालन: स्थानीय पंचायत समिति या किसान उत्पादक संगठन (FPO)।
  • डिजिटल बुकिंग सिस्टम: पारदर्शिता और समान अवसर हेतु।
  • राज्य सरकार द्वारा शुरुआती 3 वर्षों तक संचालन सहायता।

अतिरिक्त सुझाव:

  1. विस्तृत लागत आकलन: मशीन की खरीद, संचालन और रखरखाव का व्यावसायिक विश्लेषण।
  2. वित्तीय सहयोग:
    योजना को निम्न कार्यक्रमों से जोड़ा जा सकता है –
    • पीएम किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
    • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)
    • मनरेगा (प्रशिक्षण और मरम्मत के लिए)
    • PPP मॉडल के तहत निजी सहभागिता
  3. पायलट परियोजना:
    3–5 जिलों में पायलट शुरू कर अनुभव के आधार पर पूरे राज्य में विस्तार।
  4. डिजिटल निगरानी और पारदर्शिता:
    मोबाइल ऐप या पोर्टल के माध्यम से हार्वेस्टर बुकिंग, अनुरक्षण विवरण, किसान फीडबैक और शिकायत निवारण।

कृपाशंकर सिंह के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना और अधिकारियों को इस दिशा में अध्ययन कर सुझाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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