Jaunpur news इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों पर हुए ज़ुल्म का ज़िक्र होते ही नम हुईं आंखें, गूंजे मातमी नौहे

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इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों पर हुए ज़ुल्म का ज़िक्र होते ही नम हुईं आंखें, गूंजे मातमी नौहे

शाहगंज (जौनपुर)। भादी स्थित रियासत मंज़िल में खानवादए रियासत हुसैन मरहूम की ओर से अली हसन खान की बरसी के अवसर पर एक मजलिस का आयोजन किया गया। इस मौके पर लखनऊ से तशरीफ़ लाए शिया धर्मगुरु मौलाना मिर्ज़ा यासूब अब्बास ने मजलिस को खिताब किया।

मजलिस की शुरुआत कुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई। इसके बाद इश्तियाक हुसैन ने मरसिया पेश किया। शायर माऐल चन्दौलवी, शमीम हुमायूपुरी और खुशनूद भादवी ने अपने कलाम से लोगों के दिलों को छू लिया। कार्यक्रम का संचालन हुसैन अब्बास भादवी ने किया।

मौलाना मिर्ज़ा यासूब अब्बास ने अपने खिताब में इमाम हुसैन अ.स. की कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने इंसानियत, इंसाफ और सच्चाई के लिए जान की बाज़ी लगा दी। उन्होंने गंगा-जमुनी तहज़ीब और देश में अमन-चैन की अहमियत पर भी रौशनी डाली।

जब मौलाना ने कर्बला में इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों पर ढाए गए जुल्म का ज़िक्र किया, तो मजलिस में मौजूद लोगों की आंखें भर आईं। माहौल ग़मगीन हो गया और फातिमा ज़हरा को उनके लाल हुसैन अ.स. का पुरसा पेश किया गया।

इस मौके पर मशहूर नौहा ख्वां सैफ नवाब जौनपुरी ने नौहा पढ़ा, जिसे सुनकर लोग ग़म से भर उठे। कार्यक्रम में मौलाना शौकत अली, नेहाल असग़र, कासिम अब्बास, सैय्यद हसन, मोफीद खां सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।


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