Jaunpur news लक्ष्य निर्धारण और नियमित अध्ययन से मिलती है सफलता: डॉ. महिमा

लक्ष्य निर्धारण और नियमित अध्ययन से मिलती है सफलता: डॉ. महिमा
नीट एमडीएस 2025 में डॉ. महिमा का चयन, अनुसूचित वर्ग में प्रदेश में प्रथम स्थान
सुइथाकला (जौनपुर)।
Jaunpur news विकासखंड क्षेत्र के रुधौली गांव की होनहार बेटी डॉ. महिमा ने नीट एमडीएस 2025 परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। अमेठी में एडीसीओ पद पर कार्यरत संतलाल की पुत्री महिमा ने अनुसूचित वर्ग में उत्तर प्रदेश टॉपर बनने के साथ-साथ सामान्य वर्ग में 177वीं रैंक प्राप्त की है। उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्र में हर्ष का माहौल है।
डॉ. महिमा का चयन किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ में एमडीएस पाठ्यक्रम में हुआ है। इससे पहले उन्होंने BDS की पढ़ाई भी KGMU लखनऊ से की थी और वर्तमान में वे लाला लाजपत राय राजकीय चिकित्सालय, कानपुर में जूनियर रेजिडेंट के पद पर कार्यरत हैं।
सफलता का मंत्र: लक्ष्य, अनुशासन और समर्पण
डॉ. महिमा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुओं को दिया। उन्होंने कहा,
“लक्ष्य निर्धारण, नियमित अभ्यास और अनुशासित अध्ययन से ही सफलता संभव है।”
महिमा ने बताया कि वह प्रतिदिन लगभग 10 घंटे पढ़ाई करती थीं और फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी—सभी विषयों को बराबर समय देती थीं। उनका मानना है कि सफलता के लिए त्याग और पूर्ण समर्पण आवश्यक है।
शिक्षा में उत्कृष्टता का सफर
महिमा की स्कूली शिक्षा भी काफी सराहनीय रही। उन्होंने
- हाईस्कूल की परीक्षा आईसीएसई बोर्ड, बिजनौर से
- इंटरमीडिएट इंग्राहम इंग्लिश इंस्टीट्यूट, गाजियाबाद से उत्तीर्ण की।
मां-बाप की भूमिका रही अहम
महिमा की मां सुनीता राव ने बताया कि स्नातक होने के बावजूद उन्होंने खुद नौकरी का प्रयास नहीं किया, बल्कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा का सकारात्मक वातावरण तैयार किया। उनका सपना था कि उनकी बेटी डॉक्टर बने—जो अब साकार हो चुका है।
पिता संतलाल ने कहा,
“हमारी सोच रही कि बेटियां रोजगारपरक शिक्षा से सशक्त बनें। आज हमारी बेटी ने यह साबित कर दिया कि लड़कियां यदि अवसर पाएं तो किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।”
बधाइयों का तांता
डॉ. महिमा की इस सफलता पर क्षेत्र के अधिकारियों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने उन्हें और उनके परिवार को बधाई दी है।
डॉ. महिमा आज क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं, जिन्होंने यह साबित किया कि संकल्प, परिश्रम और मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।