Jaunpur news भाषा दिलों को जोड़ती है, तोड़ती नहीं : कृपाशंकर सिंह

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भाषा दिलों को जोड़ती है, तोड़ती नहीं : कृपाशंकर सिंह

Jaunpur news जौनपुर। भाषा केवल विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह संस्कृति, सामाजिक समरसता और ज्ञान के संरक्षण का एक सशक्त माध्यम भी है। यह बातें जौनपुर लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं महाराष्ट्र सरकार में पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश की भाषा सीखना वहां की संस्कृति, परंपरा और इतिहास को समझने की दिशा में पहला कदम होता है। इससे न केवल सामाजिक रिश्ते मजबूत होते हैं, बल्कि आपसी समझ और सौहार्द भी बढ़ता है। उन्होंने कहा, “प्रेम, सद्भावना और भाईचारे की भाषा सबसे श्रेष्ठ होती है, और सभी भाषाओं में यही मूल भावना छिपी रहती है। भाषा का कार्य दिलों को जोड़ना है, न कि तोड़ना।”

मुंबई में हाल ही में उभरे भाषाई विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कृपाशंकर सिंह ने कहा कि भाषा को किसी हथियार की तरह इस्तेमाल करना समाज के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि मुंबई में रहने वाले अधिकांश लोग मराठी भाषा को समझते और सम्मानपूर्वक बोलते हैं।

कृपाशंकर सिंह ने महाराष्ट्र को वीरों और संतों की भूमि बताते हुए कहा कि इसी मिट्टी से लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी निकले, जिन्होंने “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” का नारा दिया। साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे योद्धा भी यहीं से हुए, जिन्होंने हिंदवी स्वराज की स्थापना कर पूरे देश को जागरूक करने का कार्य किया।

उन्होंने सभी नागरिकों से भाषाई एकता और आपसी सद्भाव बनाए रखने की अपील की।


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