Jaunpur news मीडिल स्कूल पहितियापुर सहित अन्य स्कूलों के बंद होने के खिलाफ जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन, डीएम को सौंपा ज्ञापन

मीडिल स्कूल पहितियापुर सहित अन्य स्कूलों के बंद होने के खिलाफ जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन, डीएम को सौंपा ज्ञापन
जौनपुर।
Jaunpur news उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर के 5000 से अधिक सरकारी विद्यालयों को मर्ज या बंद करने के फैसले के विरोध में जिले में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में बदलापुर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहितियापुर को बंद किए जाने के विरोध में मंगलवार को ‘सरकारी स्कूल बचाओ संघर्ष समिति’ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में बच्चों, अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए और महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को सौंपा। इस दौरान डीएम व प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता भी हुई, जिसमें लोगों ने स्कूल को दोबारा खोलने की मांग रखी।
ज्ञापन में मांग की गई कि—
- प्रदेश में स्कूल बंद/मर्ज करने की नीति को तत्काल रद्द किया जाए,
- 5000 से अधिक स्कूलों को बंद करने का आदेश वापस लिया जाए,
- सभी पुराने सरकारी स्कूलों को पुनः संचालित किया जाए,
- शिक्षकों की खाली पड़ी सीटों पर शीघ्र भर्ती की जाए,
- और सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए।
वक्ताओं ने कहा कि पहितियापुर गांव का स्कूल मर्ज कर करीब तीन किलोमीटर दूर सिंगरामऊ भेज दिया गया है, जबकि गांव की भौगोलिक स्थिति बेहद जटिल है—दक्षिण व पूर्व में पीली नदी और जंगल, उत्तर में हाईवे बाईपास व रेल लाइन और पश्चिम में व्यस्त बाजार। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए तीन किलोमीटर दूर स्कूल जाना न केवल जोखिम भरा है, बल्कि कई बच्चों की शिक्षा भी छूटने की कगार पर है।
प्रदर्शनकारियों ने संविधान के अनुच्छेद 45 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देते हुए कहा कि हर बच्चे को घर के पास स्कूल में पढ़ाई का अधिकार है। ऐसे में केवल कम छात्रसंख्या के आधार पर स्कूल बंद करना न केवल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सरकारी स्कूलों को बदहाल कर शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण की दिशा में उठाया गया कदम है।
इस मौके पर सरकारी स्कूल बचाओ संघर्ष समिति के
शमीम अहमद, अशोक कुमार खरवार, रामसिंगार दूबे, मिथिलेश मौर्य, मृदुल कुमार दूबे, शिशिर दूबे, दिलीप कुमार खरवार, संतोष प्रजापति, ऐश्वर्य दूबे, राम अनुज, घनश्याम दूबे, पूनम प्रजापति, सुमित्रा, सायरा बानो, अनिरुलनिशा, दीप्ति, सुनीता, निशा, सिद्धार्थ खरवार, रहमान अली, कनिष्क दूबे, पवन यादव
सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं व बच्चे मौजूद रहे।