August 10, 2025

Jaunpur news पीली नदी हो संरक्षित, बदलापुर है संकल्पित” – बदलापुर में पीली नदी के पुनरोद्धार का वृहद अभियान प्रारंभ

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“पीली नदी हो संरक्षित, बदलापुर है संकल्पित” – बदलापुर में पीली नदी के पुनरोद्धार का वृहद अभियान प्रारंभ

Jaunpur news जौनपुर।बदलापुर विधानसभा क्षेत्र की जीवनदायिनी कही जाने वाली पीली नदी के संरक्षण और पुनरोद्धार के लिए एक वृहद अभियान का शुभारंभ हुआ है। यह ऐतिहासिक पहल क्षेत्रीय विधायक रमेश चंद्र मिश्र की अगुवाई में प्रारंभ की गई है, जिसका उद्देश्य इस विलुप्त होती नदी को पुनर्जीवित करना और इसके पारिस्थितिकीय महत्व को बनाए रखना है।

25 वर्षों से उपेक्षित, अब पुनर्जीवन की ओर

C bharat news लगभग 25 वर्षों से विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी पीली नदी को नया जीवन देने का संकल्प बदलापुर ने लिया है। इस अभियान की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे जल संरक्षण अभियान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नदी पुनरोद्धार संकल्प से ली गई है।

बदलापुर विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र, मुख्य विकास अधिकारी ध्रुव खड़िया तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर पीली नदी के पुनरोद्धार हेतु कार्ययोजना बनाई। इसके उपरांत ग्राम कबेली-बहुर के मध्य पीली नदी का विधिवत पूजन कर कार्य प्रारंभ किया गया।

सफाई और जनसहभागिता से अभियान को गति

अगले दिन, 12 जून को, नदी के डेहुणा ग्राम सभा के एकडला और नाभीपुर की सीमा पर पूजन के साथ सफाई कार्य की शुरुआत की गई। इस अभियान में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाओं का भी सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि की इस पहल से जनता में हर्ष और आशा का संचार हुआ है।

पीली नदी का भौगोलिक प्रवाह और क्षेत्रीय महत्व

पीली नदी का उद्गम सुल्तानपुर जनपद में होता है। यह नदी प्रतापगढ़ होते हुए जौनपुर जिले के बदलापुर विधानसभा क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन गांवों से गुजरती है और अंततः मई-दरियावगंज के पास गोमती नदी में समाहित हो जाती है।

इस नदी का बहाव क्षेत्र बदलापुर विधानसभा के डेहुणा, एकडला, नाभीपुर, दयालापुर, भूला, लालगंज, खानपुर, आहोपुर, सिरकिना, बहुर, करनपुर, पहितियापुर, खजुरन, फत्तूपुर, मरगूपुर, ऊदपुर गेल्हवा, हिम्मतपुर, रूपचंद्रपुर, बलुआ, बदलापुर खुर्द, चकमोलनापुर से होकर रारीकला तक विस्तृत है, जहाँ यह लखेश्वरी नदी से मिलती है।

इस नदी के सूखने से इन गांवों में भूजल स्तर तेजी से गिरा है, जिससे कृषि, पेयजल और पशुपालन पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

नदी की स्थिति और संरक्षण की आवश्यकता

मार्च माह से ही नदी में पानी सूखने लगा था, और गर्मियों में यह पूर्णतः सूख जाती है। जल प्रबंधन की कमी, वर्षा की न्यूनता और मानवीय उपेक्षा के कारण नदी का अस्तित्व संकट में है। कई स्थानों पर नदी की जमीन पर अवैध कब्जे भी चिंता का विषय बन चुके हैं।

विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने बताया कि नदी में जल प्रवाह बनाए रखने, स्थायी जल स्रोत विकसित करने, अवैध कब्जों से मुक्ति दिलाने और वृक्षारोपण एवं सौंदर्यीकरण हेतु समेकित योजना बनाई गई है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नदी के किनारे बसे गांवों के लोग इस जनआंदोलन में सहभागी बनें।

पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ

नदी के पुनरोद्धार से न केवल जलस्तर बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में हरियाली और जैव विविधता को भी बल मिलेगा। पशु-पक्षियों को जल स्रोत मिलेंगे, खेती-बाड़ी को राहत मिलेगी, और गांवों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।

विधायक ने यह भी कहा कि बदलापुर के लिए यह परम सौभाग्य की बात है कि यहां पीली नदी और गोमती नदी दोनों प्रवाहित होती हैं। इन नदियों का जनजीवन में अपार महत्व है, जिसे संरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।

समापन संदेश:

“पीली नदी हो संरक्षित, बदलापुर है संकल्पित” – यह नारा अब एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। बदलापुर विधानसभा क्षेत्र की यह पहल पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है, यदि जनभागीदारी और प्रशासनिक सक्रियता यूं ही बनी रही।

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