August 10, 2025

Jaunpur news पीयू रोजगार मेले के दूसरे दिन भी बना अवसरों का उत्सव

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रिपोर्ट इन्द्रजीत सिंह मौर्य

पीयू रोजगार मेले के दूसरे दिन भी बना अवसरों का उत्सव

जॉब फेयर के बाद विद्यार्थियों में दिखा आत्मविश्वास

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित रोजगार मेला-2025 का दूसरा दिन शुक्रवार को भी उम्मीदों की उड़ान, उत्साह की बयार और अवसरों की बहार लेकर आया।
विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में आयोजित इस रोजगार मेले ने आज न केवल छात्रों को करियर की नई दिशा दी, बल्कि पूर्वांचल की प्रतिभाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों से सीधे जोड़ने का सेतु भी रचा।
कंपनी के सामने विद्यार्थियों ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ सवालों का जवाब दिया। यहां 300 से भी अधिक विद्यार्थी साक्षात्कार के लिए आए।
सुदूर गांवों से लेकर विकसित नगरों तक के दर्जनों महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं आज रोजगार की इस सुनहरी मंज़िल की ओर कदम बढ़ाते दिखे। टी.डी. कॉलेज, राज कॉलेज, मोहम्मद हसन पी.जी. कॉलेज, गलगोटियास यूनिवर्सिटी, कुटीर पी.जी. कॉलेज, नागरिक डिग्री कॉलेज समेत कई संस्थानों से आए छात्रों ने पूरे मनोयोग से साक्षात्कार प्रक्रिया में भाग लिया।
जैसे फूलों से सजी वाटिका में भौरों की गूंज होती है, वैसे ही विश्वविद्यालय परिसर युवा ऊर्जा से गूंज उठा।
प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रतिनिधियों ने छात्रों से सीधे संवाद किया और उनकी प्रतिभा एवं कौशल का मूल्यांकन किया। छात्रों के हौसले, व्यक्तित्व और दक्षता ने कंपनियों को प्रभावित किया। विश्वविद्यालय की सुव्यवस्थित व्यवस्थाओं, शांत शैक्षणिक वातावरण और अनुशासित प्रक्रिया को देखकर प्रतिभागी छात्रों ने इसे “आदर्श शिक्षण संस्थान” की संज्ञा दी।

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रोजगार का नया माध्यम बना विश्वविद्यालय
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित
रोजगार मेले में हिस्सा ले रहे कई छात्रों ने कहा कि वे अब स्नातकोत्तर की शिक्षा पूर्वांचल विश्वविद्यालय से ही लेना चाहेंगे। जहां एक ओर विश्वविद्यालय शिक्षा का मंदिर बनकर युवा मनों को संस्कारित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर यह रोजगार के अवसरों की भूमि बन चुका है।

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ये भी रहे मौजूद
जौनपुर।
जॉब फेयर को सफल और सुव्यवस्थित ढंग से कराने में केंद्रीय प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, संयोजक प्रो. प्रदीप कुमार ,उप समन्वयक सुशील कुमार, डॉ नीतेश कुमार, दीप सिंह, जया शुक्ला, श्यामजी त्रिपाठी समेत टीम के सभी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सहयोग में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के लोग भी लग रहे।

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