Jaunpur news अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी पर संगोष्ठी आयोजित, वक्ताओं ने बताया उन्हें दूरदर्शी और परोपकारी शासिका

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अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी पर संगोष्ठी आयोजित, वक्ताओं ने बताया उन्हें दूरदर्शी और परोपकारी शासिका

Jaunpur news जौनपुर। भारतीय जनता पार्टी सदर विधानसभा के तत्वावधान में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थित महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शनिवार को लोकमाता पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “त्रिशताब्दी स्मृति अभियान” के तहत सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला तथा उत्तर प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष मनोरमा मौर्य एवं करंजाकला ब्लॉक की प्रतिनिधि पूनम यादव उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने की।

संगोष्ठी की शुरुआत मंचासीन अतिथियों द्वारा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर व दीप प्रज्वलन के साथ की गई।

प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन संघर्ष, सेवा और समर्पण का प्रतीक है। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में हुआ था। उनका विवाह मात्र 10-12 वर्ष की आयु में मल्हार राव होलकर के पुत्र खांडेराव से हुआ। पति और ससुर की मृत्यु के पश्चात उन्होंने 1767 से 1795 तक मालवा पर शासन किया। वह एक न्यायप्रिय, लोककल्याणकारी व धार्मिक भावना से ओतप्रोत शासिका थीं। उन्होंने अनेक मंदिरों, घाटों, कुओं व तालाबों का निर्माण करवाया, विशेष रूप से गंगा नदी के तटों पर भी उनके द्वारा कई धार्मिक निर्माण कराए गए।

राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि रानी अहिल्याबाई ने सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों की सहायता की, जिससे उन्हें एक महान परोपकारी शासिका के रूप में ख्याति प्राप्त हुई। उन्होंने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा एवं पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें धार्मिक चेतना की अग्रदूत भी कहा जाता है।

पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होलकर भारत की सबसे दूरदर्शी महिला शासकों में गिनी जाती हैं। 18वीं शताब्दी में उन्होंने न केवल धर्म का प्रचार किया, बल्कि प्रशासनिक कुशलता और औद्योगिक विकास में भी अपना योगदान दिया।

कार्यक्रम संयोजक एवं निवर्तमान मंडल अध्यक्ष राजकेसर पाल ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन धर्मेंद्र मिश्रा ने किया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, श्याम मोहन अग्रवाल, डॉ. रामसूरत मौर्य, आशीष गुप्ता, सारिका सोनी, उपेन्द्र मिश्रा, प्रशांत सिंह दीपक, डॉ. कमलेश निषाद, अमित श्रीवास्तव, विकास शर्मा, संतोष मौर्य, बंसत प्रजापति, कृष्णकुमार जायसवाल, ब्रह्मेश शुक्ला, सचिन पांडेय, संजय पाठक, अजय सिंह, सुनील यादव मम्मन, श्यामबाबू यादव, मीडिया प्रभारी मनीष श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह, शरद सिंह, मदन सोनी, नंदलाल यादव सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


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