Jaunpur news जंघई रेलवे स्टेशन पर हेलमेट जागरूकता की स्थिति चिंताजनक, सड़क सुरक्षा पर उठते सवाल

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जंघई रेलवे स्टेशन पर हेलमेट जागरूकता की स्थिति चिंताजनक, सड़क सुरक्षा पर उठते सवाल

Jaunpur news जंघई रेलवे स्टेशन पर आज के क्रासिंग के दृश्य ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। अवलोकन में पाया गया कि औसतन हर दस दोपहिया चालकों में से केवल दो ही लोग हेलमेट पहने हुए थे। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भले ही कानून हो या जागरूकता अभियान, ज़मीनी स्तर पर उनका असर अब भी सीमित है।

यह स्थिति सिर्फ जंघई की नहीं है, बल्कि देशभर के हाईवे और शहरों में आम है। ऐसे समय में जब सड़क सुरक्षा एक वैश्विक प्राथमिकता बन चुकी है, भारत में इससे जुड़ी लापरवाहियाँ अब भी भारी पड़ रही हैं। उदाहरण के तौर पर, स्वीडन जैसे विकसित देश ने सड़क सुरक्षा को इतनी गंभीरता से लिया कि वहाँ पिछले 11 वर्षों में एक भी सड़क दुर्घटना से मौत दर्ज नहीं हुई है।

भारत सरकार ने वर्ष 2021 में यह लक्ष्य रखा था कि 2024 के अंत तक सड़क दुर्घटनाओं और उससे होने वाली मौतों को 50% तक कम किया जाएगा। लेकिन हाल के आंकड़े बताते हैं कि न केवल यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ, बल्कि हादसों और मौतों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।

दुर्भाग्यवश, हमारे देश में सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दों को वह प्राथमिकता नहीं मिलती जिसकी वे हकदार हैं। अक्सर जाति और धर्म जैसे मुद्दे ही जनचर्चा और राजनीतिक विमर्श का केंद्र बन जाते हैं, जबकि वास्तविक जीवन से जुड़े मुद्दे—जैसे सड़क सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार—हाशिये पर रह जाते हैं।

समय आ गया है कि सरकार, प्रशासन और आम नागरिक इस विषय पर गंभीरता से विचार करें। कानून को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता भी बढ़ानी होगी, ताकि हर व्यक्ति अपने और दूसरों की जान की कीमत समझे।


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