Jaunpur news महिलाओं की भागीदारी से लोकतंत्र सशक्त होता है” : प्रो. रीता बहुगुणा जोशी

“महिलाओं की भागीदारी से लोकतंत्र सशक्त होता है” : प्रो. रीता बहुगुणा जोशी
जौनपुर में ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव में महिलाओं की भागीदारी’ विषय पर भव्य संगोष्ठी सम्पन्न
Jaunpur news जौनपुर। स्थानीय मोहम्मद हसन इंटर कॉलेज के भव्य सभागार में सोमवार को “एक राष्ट्र – एक चुनाव में महिलाओं की भागीदारी” विषयक संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका परिषद, जौनपुर की अध्यक्ष श्रीमती मनोरमा मौर्य ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं प्रखर राजनेत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी (पूर्व सांसद व उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री) ने शिरकत की।
मंच पर प्रो. शिखा, प्रो. मुक्त राजे, रागिनी सिंह, अंजना श्रीवास्तव, डॉ. वंदना सरकार और डॉ. संध्या सिंह भी मौजूद रहीं। संगोष्ठी का संचालन प्रो. डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव ने किया, जबकि विषय प्रवर्तन प्रो. शिखा द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती वंदना के साथ श्रद्धा व गरिमा के वातावरण में हुई। स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खान ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ और स्मृति चिह्न भेंट कर अभिनंदन करते हुए कहा कि,
” ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ जैसे समसामयिक विषय पर विमर्श शिक्षण संस्थानों की राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। लोकतंत्र में महिलाओं की सक्रिय सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।”
इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मोहम्मद नासिर खान ने भी मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया।
अपने प्रेरक संबोधन में प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा,
“भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसकी मजबूती के लिए ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ जैसा नवाचार जरूरी है। इससे संसाधनों की बचत के साथ चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी। महिलाएं लोकतंत्र की आत्मा हैं, और जब तक वे निर्णायक भूमिका में नहीं होंगी, लोकतंत्र पूर्ण नहीं कहा जा सकता।”
उन्होंने युवतियों से राजनीति, प्रशासन और नीति निर्माण में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष मनोरमा मौर्य ने अपने संबोधन में कहा,
“भारतीय महिलाएं सदैव नेतृत्व में अग्रणी रही हैं। आज भी ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ जैसे ऐतिहासिक निर्णयों में उनकी निर्णायक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
कार्यक्रम संयोजक डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव ने कहा,
“महिलाओं की वास्तविक और निर्णायक भागीदारी के बिना कोई भी लोकतांत्रिक पहल सफल नहीं हो सकती।”
संगोष्ठी के दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापकों और छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रश्नोत्तर सत्र में छात्राओं ने गहन जिज्ञासाएँ रखीं, जिनका विशेषज्ञों ने विस्तृत समाधान प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ अत्यंत गरिमापूर्ण वातावरण में किया गया।
संगोष्ठी का संयुक्त संचालन वैष्णवी और स्नेहा ने किया।
छात्राओं द्वारा विषय से संबंधित आकर्षक रंगोली भी तैयार की गई।
इस अवसर पर माधुरी गुप्ता, प्रीति गुप्ता, खुशबू श्रीवास्तव, डॉ. पूनम श्रीवास्तव, उर्वशी सिंह, रामसूरत मौर्य, शाहिद अलीम, डॉ. जीवन यादव, आर.पी. सिंह, अहमद अब्बास खान सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही।