Jaunpur news आफत बनी दोपहरी की छुट्टी, झुलस रहे नौनिहाललू और तेज धूप ने बढ़ाई स्कूली बच्चों की परेशानी

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आफत बनी दोपहरी की छुट्टी, झुलस रहे नौनिहाल
लू और तेज धूप ने बढ़ाई स्कूली बच्चों की परेशानी, अभिभावकों ने उठाई छुट्टी समय में बदलाव की मांग

Jaunpur news जौनपुर। जनपद में पड़ रही भीषण गर्मी और लू ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। हर सुबह सूरज की तीक्ष्ण किरणों के साथ दिन की शुरुआत होती है और जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, धूप और गर्म हवाएं हालात को और बदतर बना देती हैं। अधिकतम तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है, जिससे आम जनमानस के साथ-साथ स्कूली बच्चों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।

दोपहर की छुट्टी बनी बच्चों के लिए मुसीबत
गर्मी का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ रहा है, खासकर दोपहर में स्कूल से छुट्टी के समय। सुबह बच्चे अपेक्षाकृत आराम से स्कूल पहुंच पा रहे हैं, लेकिन दोपहर 12:30 बजे की छुट्टी के समय चिलचिलाती धूप और तेज लू से वे बेहाल हो जा रहे हैं। पसीने से तर-बतर होकर स्कूल से घर लौटते समय बच्चों के चेहरों पर थकान और बेचैनी साफ देखी जा सकती है।

ऊपरी मंजिलों पर गर्म हवा ने बढ़ाई तकलीफ
जो विद्यालय दो या तीन मंजिलों के हैं, वहां स्थिति और भी चिंताजनक है। भूतल पर तो कुछ राहत महसूस होती है, लेकिन ऊपरी मंजिलों पर पढ़ाई कर रहे बच्चों को पंखों से निकलती गर्म हवा और बंद कमरों में उमस के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। कई बच्चों के चेहरे गर्म हवा और लू से सूखने लगे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल सबसे ज्यादा प्रभावित
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है। परिषदीय विद्यालयों में पंखे तो लगे हैं, लेकिन दिन में बिजली की अघोषित कटौती के कारण वे अधिकतर समय बंद ही रहते हैं। ऐसे में कक्षा-कक्ष भट्ठी की तरह गर्म हो जाते हैं। वहीं, निजी विद्यालयों में इन्वर्टर और जनरेटर की मदद से पंखे और कूलर चलाए जा रहे हैं, जिससे वहाँ पढ़ने वाले बच्चों को कुछ हद तक राहत मिल रही है।

प्रशासनिक निर्णय भी साबित हो रहा नाकाफी
गर्मी को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अनुमति से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल ने 19 अप्रैल से जिले के समस्त बोर्डों के कक्षा 8 तक के विद्यालयों का समय सुबह 7:30 से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित किया था। हालांकि यह निर्णय सराहनीय है, लेकिन वर्तमान गर्मी की भयावहता के सामने यह समय सारिणी भी नाकाफी साबित हो रही है।

उपस्थिति पर असर, अभिभावकों की बढ़ती चिंता
दोपहर में छुट्टी के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ने की आशंका से अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने में हिचक रहे हैं। इसका असर विद्यालयों की उपस्थिति पर साफ नजर आ रहा है। कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा रही है।

अभिभावकों की मांग
बढ़ती गर्मी और बच्चों की सेहत को देखते हुए अभिभावकों ने मांग की है कि विद्यालय की छुट्टी का समय और कम किया जाए। उनका सुझाव है कि विद्यालयों की छुट्टी सुबह 11 बजे तक कर दी जाए, ताकि बच्चे भीषण गर्मी और लू से बच सकें।


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