Jaunpur news गणतंत्र दिवस समारोह का भव्य आयोजन पर्यावरण, मानव मूल्य और उत्तरदायित्व पर विशेष चर्चा
बयालसी महाविद्यालय जलालपुर जौनपुर में गणतंत्र दिवस समारोह का भव्य आयोजन
पर्यावरण, मानव मूल्य और उत्तरदायित्व पर विशेष चर्चा
बयालसी महाविद्यालय, जलालपुर जौनपुर में 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी सम्मानित शिक्षकगण, शिक्षिकाएं, सहयोगी सदस्य, और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय नारायण सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय एकता और हमारे वीर सपूतों की कुर्बानी को स्मरण करने का प्रतीक है। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. जगत नारायण सिंह के स्वागत भाषण से हुई। डॉ. सिंह ने अपने वक्तव्य में भारत की आजादी के 75 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा, साहित्य, कला और खेल के क्षेत्रों में हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रगति भारत की सांस्कृतिक विविधता और धरोहर का प्रमाण है। हालांकि, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, मानवीय मूल्यों के ह्रास और अलगाववाद जैसी चुनौतियों पर भी गंभीरता से चर्चा की। डॉ. सिंह ने शिक्षकों और छात्रों से अपील की कि वे इन समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्यावरण संरक्षण और नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। डॉ. सिंह ने खालिस्तानी आंदोलन जैसी अलगाववादी समस्याओं और उनके अंतरराष्ट्रीय पहलुओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इन समस्याओं से निपटने में पूरी तरह सक्षम है, लेकिन हमें अपने स्तर पर सतर्क और जागरूक रहना होगा।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अलकेश्वरी सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान सरकार कर सकती है, लेकिन हमें अपने आसपास के पर्यावरण और सामाजिक मूल्यों के प्रति भी जिम्मेदारी लेनी होगी। संस्था का विकास केवल प्रशासन का कर्तव्य नहीं है, बल्कि इसमें हर सदस्य की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।” उन्होंने सकारात्मक सोच और सही कर्मों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि व्यक्तिगत प्रयासों से न केवल संस्था बल्कि समाज और राष्ट्र का भी विकास संभव है। उन्होंने महाविद्यालय परिवार से आह्वान किया कि वे अपने उत्तरदायित्वों के प्रति सजग होकर संस्था की प्रगति में योगदान दें। कार्यक्रम के समापन में सभी ने वीर सपूतों को नमन किया और उनके बलिदानों को स्मरण किया। अंत में उपस्थित सभी लोगों को अपने कर्मों और उत्तरदायित्वों पर विचार करने और संस्था के विकास में सहयोग देने की शपथ दिलाई गई।