व्योम को निकिता ने गिरफ्तारी से पहले बोर्डिंग स्कूल से रिश्तेदार के यहां किया था शिफ्ट
व्योम को निकिता ने गिरफ्तारी से पहले बोर्डिंग स्कूल से रिश्तेदार के यहां किया था शिफ्ट
सुप्रीम कोर्ट की कर्नाटक पुलिस को अभी तक नहीं मिली है नोटिस,नोटिस मिलने पर इंस्पेक्टर दाखिल करेंगे एफिडेविट
जौनपुर-हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
इंजीनियर अतुल सुसाइड केस में बच्चे व्योम को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। व्योम की दादी ने बच्चे का पता लगाने के लिए और उसकी कस्टडी के लिए वैनी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कराया है। इसके अलावा अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है।सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इस संबंध में पूर्व में यहां दीवानी न्यायालय पत्रावली की नकल लेने के लिए एवं आरोपी के घर नोटिस चस्पा करने के लिए आ चुके बेंगलुरु के इंस्पेक्टर रंजीत कुमार से जागरण द्वारा बात की गई तो उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद निकिता ने बताया कि बच्चा व्योम फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ता है। वह महीने में एक बार गुड़गांव से फरीदाबाद बच्चे से मिलने जाती थी। गिरफ्तारी के पहले उसने बच्चे को एक रिश्तेदार के यहां शिफ्ट कर दिया है। रंजीत कुमार ने यह भी बताया कि बच्चा विवेचना का भाग नहीं है इसलिए उसकी बरामदगी नहीं की गई क्योंकि अतुल के सुसाइड केस में निकिता,उसकी मां,उसका भाई व ताऊ ही आरोपी थे। सुप्रीम कोर्ट में व्योम की दादी द्वारा दाखिल याचिका और उस पर तीन राज्यों को नोटिस के संबंध में पूछने पर बताया कि उन्हें अभी कोई नोटिस रिसीव नहीं हुई है।जब माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस मिल जाएगी तो वहां जाकर वह एफिडेविट देंगे।उन्होंने यह भी कहा कि 12 वर्ष तक के बच्चे की प्रथम गार्जियन मां ही होती है। पिता पक्ष को उसे देने का कोई चांस ही नहीं है। बता दें कि 5 वर्ष तक के बच्चे कानूनन मां की संरक्षकता में रहेंगे लेकिन अगर कोर्ट को लगता है कि मां बच्चे की संरक्षकता करने के लिए अयोग्य है तो कस्टडी पिता पक्ष को दी जा सकती है।
निकिता ने अतुल के चरित्र पर लगाए आरोप,अतुल के भाई ने उसके चरित्र को बताया बेदाग
जौनपुर -पुलिस पूछताछ के दौरान निकिता ने पति अतुल के चरित्र पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि अतुल की तीन गर्लफ्रेंड थीं। वह इन महिलाओं पर काफी पैसा खर्च करते थे। उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। शादीशुदा जिंदगी तनावपूर्ण थी। बाहरी संबंध ही विवाद के मुख्य कारण थे।निकिता के आरोपी को अतुल के भाई ने पूरी तरह खारिज कर दिया।निकिता के दावों को झूठा बताते हुए कहा कि ये आरोप केवल अतुल की छवि खराब करने और मामले को भटकाने के लिए लगाए जा रहे हैं। हम अपने भाई की मौत से पहले से सदमे में है और इस तरह के आरोप हमारी पीड़ा को बढ़ा रहे हैं।अतुल का चरित्र बेदाग था।