गांव की पंचायत में मृत्यु भोज के आयोजन का हुआ बहिष्कार

दिखावा से शुरू हुआ यह परंपरा, ज्यादातर लोगों के लिए समाज क्या कहेगा वाली बन गई मजबूरी
यूपी के जौनपुर जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिले के एक गांव के ग्रामीणों ने आपस में एक बैठक करके गांव में , किसी की मृत्यु के बाद होने वाले तेरहवीं भोज को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया। तेरहवीं भोज बंद करने के पीछे बैठक करने वालों ने यह तर्क दिया कि यह परंपरा एक फिजूल खर्ची है। इस परंपरा के निर्वहन में आने वाले खर्चे से मृतक आत्मा को कोई लाभ नहीं मिलता अपितु इससे मृतक के परिवार जनों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। हालांकि बैठक करने वालों के इस निर्णय से गांव में इस परंपरा के निर्वाहन पर क्या असर पड़ता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

पुरा मामला विकास खण्ड जलालपुर के रामपुर सोइरी गांव का है। ग्राम प्रधान के घर रविवार की सुबह ग्रामीणों की एक बैठक में मृत्युभोज की परंपरा समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। ग्रामीणों की पंचायत में इस प्रथा के बहिष्कार की घोषणा की गई। अब ग्रामीणों का प्रयास रहेगा कि गांव में कोई भी परिवार मृत्युभोज का आयोजन नहीं करे और न ही ऐसे आयोजन में शामिल हो। यह निर्णय ग्रामीणों और सर्व-समाज के हित में लिया गया है। गांव के लोगों ने भी बैठक में लिए गये इस फैसले का स्वागत किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि परंपरा के नाम पर शुरू मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को अब गांव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। गांव में हुई खुली बैठक में गांव के लोगों ने इस प्रथा का बहिष्कार की घोषणा किया है और अब ग्रामीणों का प्रयास रहेगा कि गांव में कोई भी परिवार मृत्युभोज का आयोजन नहीं करे और न ऐसे आयोजन में शामिल हो। बैठक में लिए गए इस फैसले का गांव के ज्यादातर लोगों ने स्वागत किया है।

मृत्युभोज की परंपरा बहोत पहले ही होना चाहिए था बंद
जौनपुर। जलालपुर के रामपुर सोइरी गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने सुझाव दिया कि मृत्युभोज की परंपरा बहोत पहले ही बंद हो जाना चाहिए था। मृत्युभोज शास्त्रसम्मत नहीं है, दिखावा से शुरू हुआ यह परंपरा, ज्यादातर लोगों के लिए समाज क्या कहेगा वाली मजबूरी बन गई है।
ऐसा दिखावा ज्यादातर गांव के गरीब लोगों को सिर्फ कर्जदार बना रहीं है । यदि किसी की कुछ करने की इच्छा ही है तो मृत्युभोज में खर्च की बजाय वह गरीबों की बेटियों की शादी में खर्च करें या उनको कुछ दान कर दे।बैठक में मुख्य रूप से प्रधान पति अजय पटेल, अवधेश पटेल, जयप्रकाश सिंह, श्याम किशोर शुक्ला, त्रिभुवन सिंह, विकास सिंह, दशरथ, श्रवण पटेल सहित गांव के सैकड़ो लोग मौजूद रहे।