तो इस बार भी अपनी नाक बचाने में नाकाम रहे मंत्री गिरीशचन्द्र यादव

….तो इस बार भी अपनी नाक बचाने में नाकाम रहे मंत्री गिरीशचन्द्र यादव
ओबीसी मतदाताओं के साथ अन्य मतदाताओं को साधने में रहे
वर्तमान में मंत्री के भाई-भतीजा ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य हैं
खेतासराय(जौनपुर)
लोकसभा चुनाव सपंन्न होने और परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी जौनपुर में चारों खाने चित्त हो गई। जबकि जौनपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गज नेता जनसभा कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया था लेकिन मतदाताओं ने भाजपा के उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। ऐसा क्यों और कैसे हुआ लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे है। वही भीतर ही भीतर कार्यकर्ता भी अन्दर से भाजपा की हार से गदगद है कहना है कि कार्यकर्ताओं को सम्मान न देना भारी पड़ा परिणामस्वरूप जौनपुर की दोनों सीट पर जबरदस्त हार हुई जिसपर सबक लेने की जरूरत है।
चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है जौनपुर में मंत्री, जिलाध्यक्ष, चेयरमैन तक अपना बूथ तक नहीं जीता सके। जबकि इस बार 25 हज़ार मतदाताओं की बढोत्तरी भी हुई थी। इसका मतलब यह है कि यहाँ मतदाता भाजपा से संतुष्ट नहीं है। मतदाता दबाव या कार्यकर्ता होने के नाते भले ही भाजपा के सुर से सुर मिलाएं होंगे लेकिन हवा में तीर चला देने और जौनपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं में कई फाट होने का परिणाम भुगतना पड़ा है। ऐसे में सात साल से लगातार विधायक एवं मंत्री गिरीशचन्द्र यादव ने अपनी नाक कटने से बचा नहीं पाएं जिस उम्मीद के भाजपा ने उड़नखटोला से कृपा शंकर को भेजी थी वह उम्मीद चखनाचूर हो गया। कहीं खेल मंत्री ने खेला तो नहीं कर दिया ?
आप को बता दें कि पिछली बार लोकसभा का हुए चुनाव में बीजेपी से केपी सिंह को मिले मत से भी कम कृपा शंकर को मत मिला है। पिछली बार चुनाव में केपी सिंह को 4,40,000 जबकि गठबंधन से श्याम सिंह यादव को 5,21,000 मत पाकर विजय हुए थे। जबकि इस बार लोकसभा चुनाव में कृपाशंकर को 4,09795 मत प्राप्त हुआ और सपा गठबंधन से बाबू सिंह कुशवाहा को 5,09,130 पाकर विजय हासिल कर भाजपा प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह को 99,335 मतों से करारी हार दिया। जिससे भाजपा चारों खाने चित्त हो गयी। जबकि जौनपुर में ओबीसी मतों को साधने के लिए प्रधानमंत्री, सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई दिग्गज नेता जनसभा कर फ़िज़ा बनाने के कोशिश किया था।
दीगर की बात यह है कि आखिरकार सबका साथ सबका विकास और विकास का पहिया गिरीश यादव अपना बूथ हार बैठे। जानकारी के मुताबिक इनका बूथ संख्या-193 है यहाँ पर भाजपा को 148 मत मिला वही सपा को 487 मत प्राप्त हुआ। भाजपा के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह की बूथ संख्या- 395 कटघरा में 184 मत ही मिल सका जबकि सपा को 452 मत प्राप्त हुआ। इसी तरह सदर विधान के जौनपुर नगर पालिका परिषद की चेयरमैन मनोरमा मौर्या के बूथ संख्या-263 पर भाजपा को 306 मत मिला और सपा को 457 मत प्राप्त हुआ।
जबकि इस बूथ पर मौर्या समाज का मत अधिक बताया जाता है। वही शाहगंज में सपा के पूर्व मंत्री शैलेन्द्र यादव ललई के बूथ संख्या-190 पर बीजेपी को 48 मत मिला और सपा को 496 मत मिला। वर्तमान विधायक रमेश सिंह के बूथ संख्या-30 पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी हो रहा है कि सदर विधायक गिरीशचन्द्र यादव ओबीसी मत साधने में पूरी तरह से नाकाम रहे है और इतना ही नहीं बल्कि हर बार हुए चुनाव में अपनी प्रतिष्ठा बचाने में असफल रहे है। जबकि इनके भाई-भतीजा ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य ,क्षेत्र पंचायत सदस्य भी है और पूर्व प्रधान भी इनके घर में हैं वहीं वर्तमान में इनका खास आदमी दलित भवन प्रधान हैं।
सही सामंजस्य और मुकदमा की धमकी पड़ी भारी
कुल मिलाकर जनता और कार्यकर्ता से सही सामंजस्य ,खुद का घमंड के अतिरिक्त मंत्री का विपक्ष के लोगों को मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देना काफी भारी साबित हुआ। स्थिति यह हुई कि कुछ लोग सपा के प्रति आस्थावान प्रधान प्रचार को नहीं निकले ।