रंगदारी व झासा देने की बात निराधार, जान से मारने की धमकी का ही एफआईआर दर्ज

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रंगदारी व झासा देने की बात निराधार, जान से मारने की धमकी का ही एफआईआर दर्ज

जौनपुर। बदलापुर कोतवाली पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ धमका कर गाली गलौज देते हुए रंगदारी मांगनें के मामले में जो केस दर्ज करने की खबर सोशल मीडिया पर चलाई गई है। वह पूरी तरह से निराधार है। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता महिला की तहरीर पर मात्र जान से मारने की धमकी का एफआईआर दर्ज किया है। सोशल मीडिया पर खबर प्रकाशित होते ही कुछ पत्रकारों ने अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह से जब इस संबंध में जानकारी किया तो उन्होंने जवाब दिया कि रंगदारी व अन्य आरोप की बातें गलत प्रकाशित की गई है। इसमें सिर्फ जान से मारने की धमकी का एफआईआर दर्ज किया गया है। आगे उन्होंने बताया कि इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी और अगर झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई होगी तो एफआईआर दर्ज करवाने वाले पर भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। फिल्हाल पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करने में जुट गई है। दूसरी तरफ यह चर्चा है कि एक तथाकथित पत्रकार ने क्षेत्राधिकारी बदलापुर गुमराह करके एफआईआर दर्ज कराने का आदेश कराया है।

इस सम्बन्ध में शिकायती पत्र देने पुलिस अधीक्षक के यहां गई महिला ने यह आरोप लगाया है कि वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर खड़ी थी। वहीं पर विपुल सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम मेढ़ा थाना खुटहन, दीपक तिवारी पुत्र अज्ञात निवासी पालीका पूरा थाना मुंगराबादशाहपुर, प्रिन्स पुत्र अज्ञात निवासी ग्राम कुशहा थाना बदलापुर व धर्मेन्द्र पुत्र अज्ञात निवासी बदलापुर मिल गये। जहा उन्होंने खुद को पत्रकार बताकर झांसा देकर घर बनवाने के नाम पर 20 हजार रुपये खर्च की बात बताया था। पीड़िता ने 5 हजार की नगद दे दिया। दोबारा यह लोग पैसा बाकी पैसा मांगने लगे तो पीड़िता ने उन सबसे पहले घर बनवाने के बाद भुगतान करने को कहा। बदलापुर चौराहे पर कहा कि हम लोगों का सोशल मीडिया पर एक बहुत बड़ा ग्रुप है। पैसा दे दो काम करा देंगे। पुलिस ने महिला की तरहरीर पर सिर्फ जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया है। जिसमें रंगदारी व अन्य आरोपों की बात निराधार है।

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