September 19, 2024

विश्व श्रवण दिवस 03 मार्च 2024 के उपलक्ष्य मेें एक विशाल जनजागरूकता रैली

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जौनपुर – विश्व श्रवण दिवस 03 मार्च 2024 के उपलक्ष्य मेें एक विशाल जनजागरूकता रैली को डा0 राजीव कुमार, नोडल अधिकारी एन0पी0पी0सी0डी0 कार्यक्रम एवं डा0 बी0सी0 पन्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
              उक्त रैली में कुंवर हरिवंश सिंह पैरामेडिकल कालेज की छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया है। तत्पश्चात एक गोष्ठी का आयोजन डा0 बी0 सी0 पन्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जौनुपर की अध्यक्षता में सभागार कक्ष में आयोजित किया गया। इस वर्ष की थीम  ”TheTheme coined by WHO for world hearing day for this year i.e., 2024 is , Changing mind-sets: let’s make ear and hearingcare a reality for all!”  इस अवसर पर डा0 बी0 सी0 पन्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय द्वारा बताया गया कि विश्व स्तर पर हर साल 3 मार्च को बहरेपन और सुनवाई की हानि को रोकने और दुनिया भर में कान और सुनने की क्षमता की देखभाल को बढ़ावा देने के बारे में जागरुकता फैलाने के प्रयासो पर विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है।
                 नोडल अधिकारी एन0पी0पी0सी0डी0 कार्यक्रम डा0 राजीव कुमार द्वारा बताया गया कि बहरापन ऐसी समस्या है जो उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या न होकर बचपन मे शुरु होने वाली परेशानी है। दुनिया भर में लगभग 466 मिलियन लोगो को सुनने मे दुर्बलता यानि बहरापन होता है, जिनमे से 34 मिलियन बच्चे है। दुनिया में लगभग 32 मिलियन बच्चो में सुनने की क्षमता में कमी है और प्रत्येक 1000 मे से 1 बच्चा जन्मजात सुनने की दुर्बलता के साथ पैदा होता है। बचपन की सुनवाई हानि में से 60 प्रतिशत ऐसे कारणेा से होती है जिन्हे टाला जा सकता है। उनके द्वारा बताया गया कि हमारे कान के सुनने की क्षमता 80 डेसिबल होती है। आज के मार्डन लाईफस्टाइल में लोग अपनी सुनने की क्षमता को ही खो बैठते है क्योंकि कुछ लोग ज्यादा शोर वाले स्थानो पर काम करते है जिससे उनकी सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। लोगो में सुनाई न देने वाले प्रमुख कारणें में पर्दे में छेद या मेस्टोइड हडडी का गलना है। कान की सवसे छोटी हडडी स्टेपिज मे कपंन रुकना, कान में तरल पदार्थ भरना, वैक्स, सिर या कान पर चोट लगना है। तेज आवाज में म्युजिक सुनने से युवांओें में इस तरह की आशंका बढ़ जाती है। गलसुआ और खसरा आदि के संक्रमण के बाद भी कुछ लोगो में कम सुनने की समस्या होती है। कई बार दवाइयों के रियक्शन से भी ऐसा हो जाता है ।
                उक्त गोष्ठी में जयप्रकाश गुप्ता, अमित सिंह, धीरज यादव, विवेक मौर्या, कुलदीप श्रीवास्तव सहित कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें।

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